जाखो राखे साइयां मार सके ना कोय...इस दोहे का सही अर्थ आज रामपुर में देखने को मिला जहां पर ट्रेन में सफर कर रही गर्भवती को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जैसे ही इसकी सूचना रामपुर आरपीएफ को लगी तो वो प्रसूता के पास पहुंच गए। आरपीएफ ने सहारा देते हुए प्रसूता को उसके नवजात बच्चे सहित एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया।
रामपुर: जाखो राखे साइयां मार सके ना कोय…इस दोहे का सही अर्थ आज रामपुर में देखने को मिला जहां पर ट्रेन में सफर कर रही गर्भवती को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जैसे ही इसकी सूचना रामपुर आरपीएफ को लगी तो वो प्रसूता के पास पहुंच गए। आरपीएफ ने सहारा देते हुए प्रसूता को उसके नवजात बच्चे सहित एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद निवासी राजकुमार अपनी पत्नी मीना के साथ हरियाणा के फरीदाबाद में काम करता है। उसकी पत्नी गर्भवती से थी। लिहाजा दोनों ही पति-पत्नी ने अयोध्या में रामलला के दर्शन करने की इच्छा जाहिर की। राजकुमार अपनी पत्नी के साथ दिल्ली पहुंचा जहां से दोनों अयोध्या एक्सप्रेस के एस 9 बोगी की सीट संख्या 49 और 52 पर सवार हो गए। रामपुर जंक्शन पहुंचने से पहले ही पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।
आरपीएफ की शाखा प्रभारी निरीक्षक शिखा मलिक अपनी फोर्स के ट्रेन का इंतजार करने लगे और जैसे ही ट्रेन रेलवे जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंची तो शिखा मलिक के साथ ही अन्य आरपीएफ के जवान भी उसकी मदद को पहुंच गए और इस दौरान एंबुलेंस भी बुला ली गई। ऑपरेशन मातृशक्ति शुरू किया गया और जिसकी जिम्मेदारी एएसआई कुलदीप शर्मा हेड कांस्टेबल सतपाल के अलावा कई अन्य कर्मियों को सौंपी गई। महिला ट्रेन के अंदर ही बच्ची को जन्म दे चुकी थी। लिहाजा दोनों जच्चा बच्चा के साथ ही राजकुमार को भी उपचार के लिए जिला महिला अस्पताल भेज दिया गया। जहां पर दोनों को प्राथमिक उपचार दिया गया। फिलहाल जच्चा ओर बच्चा बिल्कुल स्वस्थ हैं और आरपीएफ का धन्यवाद करते हुए नजर आए।
रिपोर्ट – रुपक त्यागी