राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लखनऊ दौरे के अपने दूसरे दिन डॉ. भीमराव आम्बेडकर सांस्कृतिक केंद्र का वर्चुअल शिलान्यास किया। इस अवसर पर उनकी पत्नी सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव मौर्य समेत अन्य लोग मौजूद रहे। इस मौके पर राष्ट्रपति ने डॉ. भीमराव आम्बेडकर के जीवन और कार्य पर प्रकाश डाला।
लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लखनऊ दौरे के अपने दूसरे दिन डॉ. भीमराव आम्बेडकर सांस्कृतिक केंद्र का वर्चुअल शिलान्यास किया। इस अवसर पर उनकी पत्नी सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव मौर्य समेत अन्य लोग मौजूद रहे। इस मौके पर राष्ट्रपति ने डॉ. भीमराव आम्बेडकर के जीवन और कार्य पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि बाब साहब का लखनऊ से खास संबंध रहा है। वे यहां की संस्कृति को बहुत प्रिय बताते थे। राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहब कहते थे कि सरकार का मिशन सबकी भलाई का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज लोग हिंदू—मुस्लिम करते हैं लेकिन बाबा साहब कहते थे हम सब पहले और बाद में केवल भारतीय हैं।
बाबा साहब ने आज ही के दिन 93 वर्ष समता नामक साप्ताहिक पत्र निकालकर मूलक समाज की रचना की थी। वह अंग्रेजों के खिलाफ समता का जोरदार प्रयोग करते थे। अपनी बात कहने के लिए उन्होंने 29 जून 1928 को समता को बड़ा मंच बनाया था। उन्होंने ही संविधान की प्रस्तावना में समता का जिक्र किया था।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में पांच दिन के प्रवास पर रहने के लिए राष्ट्रपति को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने हमारे लिए इतना समय निकाला हम उनके आभारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि करने के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार बाबा साहब डॉ. भीम राव आम्बेडकर के दिखाए रास्ते पर चल रही है।
भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जब भी वंचितों, दलितों, उपेक्षितों और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हुए व्यक्ति की आवाज की बात होगी तो बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी का नाम बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ विश्व मानवता सदैव लेगी।
इससे पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने लोकभवन में बटन दबाकर ऐशबाग में बनने वाले डॉ. भीमराव आम्बेडकर सांस्कृति केंद्र का शिलान्यास किया। इस केंद्र में बाबा साहब की 25 फिट ऊंची प्रतिमा लगेगी। इसके साथ दर्शन के लिए उनके पवित्र अस्थि कलश स्थापित होंगे। यहां पर पुस्तकालय तथा संग्रहालय समेत अतिथि गृह और ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा।