New Delhi: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी गुरुवार को सात दिनों के दौरे पर भारत आए हैं। इस दौरे के क्रम में उनकी शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई है। 2021 में अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के आने के बाद यह पहली उच्चस्तरीय बैठक भारत में हुई है। लेकिन, इस बैठक के बाद मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर एक बड़ा विवाद छिड़ गया है। इस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन कर दी गई।
Afghan Foreign Minister’s press conference controversy: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी गुरुवार को सात दिनों के दौरे पर भारत आए हैं। इस दौरे के क्रम में उनकी शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई है। 2021 में अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के आने के बाद यह पहली उच्चस्तरीय बैठक भारत में हुई है। लेकिन, इस बैठक के बाद मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर एक बड़ा विवाद छिड़ गया है। इस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन कर दी गई।
दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबान सरकार पर मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन और लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने पर को लेकर विवादों में रहा है। तालिबान लड़कियों की शिक्षा और महिलाओं को काम करने ग़ैर-इस्लामिक मानता है। आमिर खान मुत्तकी तालिबान सरकार के हिस्सा हैं, इसलिए महिला पत्रकारों को नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान दूतावास में मुत्तकी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने से रोक दिया गया। जिसको लेकर महिला पत्रकारों के साथ-साथ विपक्ष नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, कृपया तालिबान के प्रतिनिधि के भारत दौरे पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। यदि महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक अपनी सुविधानुसार दिखावा मात्र नहीं है, तो फिर भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया, जबकि महिलाएं ही इसकी रीढ़ और गौरव हैं।”
Prime Minister @narendramodi ji, please clarify your position on the removal of female journalists from the press conference of the representative of the Taliban on his visit to India.
If your recognition of women’s rights isn’t just convenient posturing from one election to…
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 11, 2025
कांग्रेस सांसद कार्ती पी चिदंबरम ने एक्स पर लिखा, ”मैं जियोपॉलिटिकल मजबूरियां समझ सकता हूं, जिसकी वजह से हम तालिबान के साथ बात कर रहे हैं लेकिन उनके भेदभावपूर्ण और आदिकालीन रीति-रिवाजों को स्वीकार करना पूरी तरह से हास्यास्पद है। यह बहुत ही निराशाजनक है कि तालिबान की प्रेस कॉन्फ़्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखा गया।”
I understand the geopolitical compulsions that force us to engage with the Taliban, but to acede to their discriminatory & plain primitive mores is outright ridiculous, it's very disappointing to note the conduct of the @MEAIndia & @DrSJaishankar in excluding women journalists…
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) October 10, 2025
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टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एक्स पर लिखा है, ”हमारी सरकार तालिबान के विदेश मंत्री अमीर मुत्तक़ी को न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति देने की हिम्मत कैसे कर सकती है. भारत की ज़मीन पर पूरे प्रोटोकॉल के साथ ऐसा करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है? जयशंकर इससे सहमत कैसे हो सकते हैं? हमारे रीढ़विहीन पुरुष पत्रकार इस न्यूज़ कॉन्फ़्रेंस में कैसे रहे?”
बता दें कि अफग़ानिस्तान के विदेश मंत्रालय के पब्लिक कम्युनिकेशन के निदेशक हाफ़िज़ ज़िया अहमद ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की तस्वीर एक्स पर पोस्ट की है, उसमें साफ़ दिख रहा है कि कोई महिला पत्रकार नहीं है।