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अटल-आडवाणी युग के महत्वपूर्ण स्तंभ प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा का 94 वर्ष की आयु में निधन, बीजेपी में शोक की लहर

दिल्ली भाजपा के प्रथम अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा (Prof. Vijay Kumar Malhotra) का 30 सितंबर मंगलवार को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। जनसंघ काल (Jan Sangh Era) से लेकर भाजपा के उदय तक, प्रो. मल्होत्रा भाजपा और दिल्ली की राजनीति का अहम किरदार रहे।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के प्रथम अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा (Prof. Vijay Kumar Malhotra) का 30 सितंबर मंगलवार को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। जनसंघ काल (Jan Sangh Era) से लेकर भाजपा के उदय तक, प्रो. मल्होत्रा भाजपा और दिल्ली की राजनीति का अहम किरदार रहे।

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी (BJP Leader L.K. Advani) जैसे दिग्गजों के साथ उनका नाता गहरा था। संगठन विस्तार करना हो या बात वैचारिक प्रतिबद्धता की हो, वह अटल-आडवाणी युग (Atal-Advani Era) के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ बने रहे। वे पांच बार सांसद और दो बार विधायक चुने गए, तथा लोकसभा में भाजपा संसदीय दल के उपनेता के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी निभाई।

वाजपेयी-आडवाणी की साथ

मल्होत्रा की राजनीतिक शुरुआत 1960 के दशक में भारतीय जनसंघ (Bharatiya Jana Sangh) से हुई, जब उन्होंने दिल्ली में संघ की विचारधारा को जमीनी स्तर पर फैलाया। वे वह आरएसएस छोड़कर जनसंघ में शामिल हुए, जहां वाजपेयी की काव्यात्मक दृष्टि और आडवाणी की संगठनात्मक कुशलता के बीच एक मजबूत स्तंभ बने।

एक यादगार घटना 1960-70 के दशक की है, जब दिल्ली मेट्रोपोलिटन कौंसिल (Delhi Metropolitan Council) से जुड़े मल्होत्रा  के सरकारी बंगले में आडवाणी  के फ्रंट ऑफिस में बैठते थे। उनके घर पर हुई एक महत्वपूर्ण मीटिंग में केदारनाथ साहनी और मदनलाल खुराना के साथ डीएमसी एल्डरमैन की लिस्ट तैयार की गई, जिसने आडवाणी के राजनीतिक उदय की नींव रखी। 1980 में भाजपा के गठन में वे संस्थापक सदस्य थे और दिल्ली इकाई के पहले अध्यक्ष बने। राम जन्मभूमि आंदोलन (Ram Janmabhoomi Movement) में आडवाणी के नेतृत्व में सक्रिय योगदान दिया, जबकि वाजपेयी सरकार में राष्ट्रीय एकता और विकास योजनाओं में सहयोग किया।

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युवा अवस्था में तीनों ने घंटों चर्चा, फिल्म देखना, चाट खाना और होली मनाने जैसे सामाजिक पल साझा किए। लोकसभा में उपनेता के रूप में उन्होंने भाजपा की विपक्षी भूमिका को प्रभावी बनाया, विशेषकर 2004 के बाद, जहां सार्वजनिक लेखा समिति (Public Accounts Committee) के अध्यक्ष भी रहे।

दिल्ली के विकास और पार्टी के सुशासन के एजेंडे को आगे बढ़ाने में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा कि जीवनपर्यंत जनसेवा में समर्पित रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा जी के निधन से गहरा दुख हुआ है। वे जमीन से जुड़े ऐसे नेता थे, जिन्हें जनता के मुद्दों की गहरी समझ थी। दिल्ली में पार्टी को सशक्त बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। संसद में अपनी सक्रियता और योगदान के लिए भी वे सदैव याद किए जाएंगे। शोक की इस घड़ी में उनके परिवारजनों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ॐ शांति!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वर्गीय वीके मल्होत्रा ​​ के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके परिवार के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। दिल्ली के विकास और हमारी पार्टी के सुशासन के एजेंडे को आगे बढ़ाने में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।

जीवन के अन्य बहुआयामी पहलू

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राजनीति के अतिरिक्त, मल्होत्रा हिंदी साहित्य में पीएचडी धारक थे और दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़कर युवाओं को प्रेरित किया। खेल प्रशासन में उनका योगदान अविस्मरणीय रहा इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (Indian Olympic Association) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में 1974 के एशियाई खेलों में भारतीय दल का नेतृत्व किया, तथा आर्चरी और चेस फेडरेशन को मजबूत बनाया।

सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार के रूप में उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल को बढ़ावा दिया, जिससे लाखों युवाओं को दिशा मिली। प्रो. मल्होत्रा का निधन हमें याद दिलाता है कि सच्ची विरासत संगठन निर्माण, वैचारिक संघर्ष और सामाजिक दायित्वों में निहित होती है। वाजपेयी-आडवाणी की त्रयी में वे एक अनमोल कड़ी थे, जिनकी सादगी और समर्पण की मिसाल दी जाती रहेगी।

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