अधिकतर लोग मिर्गी की बीमारी से जूझ रहे है। यह एक क्रोनिक नॉन क्यूनिकेबल की बीमारी है। यह किसी भी उम्र में हो सकती है। डब्लूएचओ के अनुसार दुनियाभर में करीब पांच करोड़ लोग मिर्गी की बीमारी से जूझ रहे है। आज 26 मार्च को मिर्गी यानी पर्पल एपिलेप्सी डे हर साल मनाया जाता है।
अधिकतर लोग मिर्गी की बीमारी से जूझ रहे है। यह एक क्रोनिक नॉन क्यूनिकेबल की बीमारी है। यह किसी भी उम्र में हो सकती है। डब्लूएचओ के अनुसार दुनियाभर में करीब पांच करोड़ लोग मिर्गी की बीमारी से जूझ रहे है। आज 26 मार्च को मिर्गी यानी पर्पल एपिलेप्सी डे हर साल मनाया जाता है।
ताकि इस बीमारी के बारे में जागरुरकता पहुंचाई जा सके। मिर्गी एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। यह दिमाग से जुड़ी गंभीर बीमारी है जिसमें सेल्स ठीक से काम नहीं करते है। इसमें दौरे पड़ते है। मिर्गी दिमाग से जुड़ी गंभीर बीमारी है।जो दिमाग को कमजोर कर देती है। डब्लू एचओ की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में लगभग पचास मिलियन लोग मिर्गी की बीमारी से पीड़ित है। जिसका खतरा सभी उम्र के लोगो में होता है। इसका इलाज संभव नहीं है।
मिर्गी के लक्षण
मिर्गी की बीमारी में व्यक्ति को शरीर में दर्द, बेहोशी, शरीर में मरोड़ और हिलने लगता है। मिर्गी के कई कारण हो सकते है जैसे ब्रेन स्ट्रोक, सिर पर चोट लगना, ड्रग्स या एल्कोहल, ब्रेन इंफेक्शन।
एनएचएस के अनुसार एंटी एपिलेप्टिक ड्रग्स मिर्गी की बीमारी में दवा का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। दस में से लगभग सात लोगो को मिर्गी की बीमारी कंट्रोल करने के लिए इन दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है।