भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने रविवार को केंद्र सरकार पर एक बार फिर से बड़ा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया और लिखा-अगर किसानों को बॉर्डर से जबरन हटाने की कोशिश हुई तो वे देश भर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी (Galla Mandi) बना देंगे।गाज़ीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) से बैरिकेडिंग पर किसान नेता हटाए जा रहे हैं। इस पर राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि प्रशासन जेसीबी की मदद से यहां लगे टैंट को उखाड़ने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशान यहां से टैंट उखाड़ेगा तो किसान सरकारी दफ़्तरों के बाहर टैंट लगा लेंगे।
नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने रविवार को केंद्र सरकार पर एक बार फिर से बड़ा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया और लिखा-अगर किसानों को बॉर्डर से जबरन हटाने की कोशिश हुई तो वे देश भर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी (Galla Mandi) बना देंगे।
गाज़ीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) से बैरिकेडिंग पर किसान नेता हटाए जा रहे हैं। इस पर राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि प्रशासन जेसीबी की मदद से यहां लगे टैंट को उखाड़ने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशान यहां से टैंट उखाड़ेगा तो किसान सरकारी दफ़्तरों के बाहर टैंट लगा लेंगे।
किसानों को अगर बॉर्डरो से जबरन हटाने की कोशिश हुई तो वे देश भर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे ।#FarmersProtest
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) October 31, 2021
भाकियू (BKU) के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी (National Media in-Charge ) धर्मेंद्र मलिक (Dharmendra Malik) ने कहा कि सरकार पिछले कई दिनों से साजिशें कर रही है। मगर ऐसी साजिशों से किसान आंदोलन (Farmer Movement) का समाधान नहीं हो पाएगा। उन्होंने बताया कि 6 नवंबर को सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर किसानों की बड़ी बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
अमरोहा में किसान महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार जब तक तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। दिल्ली बॉर्डर खाली नहीं हुआ है। यह आंदोलन किसानों की रोटी और खेती बचाने के लिए है।
सरकार किसानों की जमीन बड़ी कंपनियों को देने की तैयारी में है। इससे रोटी भी बड़े लोगों की तिजोरी में बंद हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा सरकार लोगों को लड़ाने और तोड़ने का काम किया है। देश के हालात बेहद खराब हैं यह समझना पड़ेगा। पिछले एक साल से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहा है, लेकिन यह सरकार आरोप लगाने के अलावा कुछ और नहीं कर रही है। इन लोगों ने आंदोलन में शामिल हुए सिख समाज के लोगों को खालिस्तानी (Khalistani) बता दिया गया और मुसलमानों को पाकिस्तानी (Pakistani)। जब यहां के लोग धरने में शामिल हुए तो आंदोलन जाटों का बता दिया।
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने यूपी के भीतर हिंदू-मुस्लिम के दंगे कराए। यह लोग हरियाण के अंदर गए तो वहां जाट और नॉन जाट की राजनीति की। गुजरात के भीतर पटेल और नॉन पटेल की राजनीति की। भाजपा (BJP) ने बिहार में पहुंचकर लालू यादव (Lalu Yadav) का परिवार तोड़ा और यूपी में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के परिवार को तोड़ डाला।
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि आरएसएस (RSS)के लोग बेहद खतरनाक है, इनसे बच कर रहो। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग सोचते हैं कि उनका बेटा पढ़ लिखकर कलेक्टर बनेगा। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सरकार ने पिछले दरवाजे से बिना परीक्षा के ही आईएएस (IAS) बनाने की तैयारी कर ली है। बिना परीक्षा के ही लगभग 40 लोगों को आईएएस (IAS) बना दिया गया है अभी 300 के करीब और बनेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार को बातचीत के जरिए किसान आंदोलन (Farmer Movement) को समाप्त करने की पहल करनी चाहिए। नये कृषि कानूनों के लागू होने से किसान का जमीन से अधिकार समाप्त हो जाएगा, फिर कंपनी ही बीज मुहैया कराएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह लड़ाई लंबी चलेगी, इसलिए किसान पूरी तरह से तैयार रहे। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि अपनी एक आंख दिल्ली पर तो दूसरी आंख खेती पर रखें। ट्रैक्टरों का मुंह दिल्ली की तरह रखो।
अगर सरकार ने 26 नवंबर तक नहीं सुनी तो 27-28 में कुछ बड़ा होगा। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने यूपी सरकार पर भी निशाना साधा। कहा कि प्रदेश सरकार गुंडागर्दी कर रही है। इसका उदाहरण जिला पंचायत के चुनाव (District Panchayat Election) में सबने देखा है। अब विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में भी यही दोहराए जाने की तैयारी है।