भाई-बहन के प्रेम के पर्व रक्षाबंधन पर्व हर भारतीय के घर मनाया जाता है। परंपरानुसार इस त्यौहार में बहन भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है और भाई उनकी रक्षा का वचन देते है।
Raksha Bandhan 2023 : भाई-बहन के प्रेम के पर्व रक्षाबंधन पर्व हर भारतीय के घर मनाया जाता है। परंपरानुसार इस त्यौहार में बहन भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है और भाई उनकी रक्षा का वचन देते है। सदियो से इस त्योहार को मनाया जा रहा है। बहनें रक्षाबंधन पर्व के दिन राखी का थाल सजाकर भाइयों के माथे पर चंदन और अक्षत का तिलक लगा कर उनकी आरती उतारती है। इसके बारे में अपने यहां अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। जिसमें इंद्र की पत्नी, राजा बलि से लेकर महाभारत काल में द्रौपदी और कृष्ण उसके पश्चात भी अनेक भी अनेक राजा और महाराजाओं की कहानियां हमारे इतिहास वर्णित है। हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है। इसमें भद्रा सुबह 10 बजकर 58 मिनट से रात 09 बजकर 01 मिनट तक है।
रक्षाबंधन मुहूर्त : 30 अगस्त: रात 09:01 बजे के बाद से।
रक्षाबंधन मुहूर्त : 31 अगस्त: सूर्योदय काल से सुबह 07:05 बजे तक।
रक्षा सूत्र बांधने का मंत्र
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल: