रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया एक्स पर मुलाकात की वीडियो को शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि, जब गांधी जी अनशन पर बैठे थे, तब ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल अधिकारियों से पूछते थे कि वो बूढ़ा अब तक मरा क्यों नहीं! क्या ये सरकार भी चर्चिल के रास्ते पर है? किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जी डेढ़ महीने से आमरण अनशन पर हैं। आज उनकी हालत देखकर मैं बेहद चिंतित हूं। लगातार उनकी सेहत बिगड़ रही है। पर तानशाह सरकार निश्चिंत है और कान में रूई डालकर सोई हुई है।
नई दिल्ली। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 46 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं, की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। इस बीच कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उनसे मुलाकात की और कुशक्षेम पूछा। उन्होंने कहा, उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है और ये बेहद चिंता की बात है।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोशल मीडिया एक्स पर मुलाकात की वीडियो को शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि, जब गांधी जी अनशन पर बैठे थे, तब ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल अधिकारियों से पूछते थे कि वो बूढ़ा अब तक मरा क्यों नहीं! क्या ये सरकार भी चर्चिल के रास्ते पर है? किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जी डेढ़ महीने से आमरण अनशन पर हैं। आज उनकी हालत देखकर मैं बेहद चिंतित हूं। लगातार उनकी सेहत बिगड़ रही है। पर तानशाह सरकार निश्चिंत है और कान में रूई डालकर सोई हुई है।
कहा जाता है कि..जब किसान खुशहाल तो देश खुशहाल। मोदी सरकार में किसान की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। सरकार के अहंकारी और असंवेदनशील रुख से पहले किसान आंदोलन में 700 से अधिक किसानों की शहादत को भी देश नहीं भूला है। और अब भी किसानों की जायज मांग पर अत्याचार जारी है। ईश्वर से प्रार्थना है कि डल्लेवालजी की वो स्वस्थ रखें।
जब गांधी जी अनशन पर बैठे थे, तब ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल अधिकारियों से पूछते थे कि वो बूढ़ा अब तक मरा क्यों नहीं!
क्या ये सरकार भी चर्चिल के रास्ते पर है?
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किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जी डेढ़ महीने से आमरण अनशन पर हैं। आज उनकी हालत देखकर मैं बेहद चिंतित हूं।लगातार उनकी… pic.twitter.com/VNGgyg5YAn
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 10, 2025
इसके साथ ही मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, खनौरी बोर्डर पर आज डेढ़ महीने से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जी से मुलाकात कर उनका कुशल क्षेम पूछा। उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है और ये बेहद चिंता की बात है।
उनकी मांग वही है,जो प्रधानमंत्री मोदी जी ने किसानों से वादा किया था और वो वादा था एमएसपी की गारंटी का कानून। सवाल ये है कि मोदी जी के शब्द या फिर उनकी जुबान की कोई कीमत है भी या नहीं? मैने डल्लेवाला जी को आश्वासन दिया है कि हम उनके साथ है और एमएसपी के गारंटी का कानून हमारे लिए सर्वोपरि है।