भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने पॉलिसी रेट्स को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बताया है कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट में लगातार 10वीं बार कोई बदलाव नहीं करते हुए उसे 6.50% पर बरकरार रखा है।
RBI On Repo Rate : भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने पॉलिसी रेट्स को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बताया है कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट में लगातार 10वीं बार कोई बदलाव नहीं करते हुए उसे 6.50% पर बरकरार रखा है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में लिए गए फैसले के तहत ये घोषणा की है
यह अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा रेपो रेट में 50 बेसिस अंकों की कटौती के बाद एमपीसी की पहली बैठक थी। आरबीआई रेपो रेट पर ही बैंकों को ऋण देता है।
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के छह सदस्यों में से 5 सदस्यों में रेपो रेट में कोई कटौती नहीं करने के लिए वोट किया है। जुलाई और अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड 4 फीसदी के नीचे रहने के बावजूद आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।
इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पॉलिसी का रुख विद्ड्रॉल ऑफ अकमॉन्डेशन से चेंज करते हुए अब Neutral कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर बने उतार-चढ़ाव भरे हालातों के बावजूद देश में महंगाई (Inflation) को काबू में रखने में हम कामयाब रहे हैं और इसके साथ ही Economic Growth को भी गति मिली है।
आरबीआई गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा वैश्विक तनाव महंगाई के लिए सबसे बड़ा जोखिम बना हुआ है। हाल के दिनों में मेटल्स और फूड प्राइसेज में बढ़ोतरी से खुदरा महंगाई के लिए जोखिम बना हुआ है। उन्होंने कहा, कोर इंफ्लेन में जुलाई और अगस्त में बढ़ोतरी आई है और बेस इफेक्ट के चलते खुदरा महंगाई दर में तेज उछाल आने की संभावना है। आरबीआई गवर्नर ने 2024-25 के लिए 4.5 फीसदी खुदरा महंगाई दर रहने का अनुमान जताया है। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 4.1 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी महंगाई रहने का अनुमान है।