इसके साथ ही खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले तेल में भी। अब अधिकतर घरों में पूड़ी, पराठा, पुलाव यहां तक की सब्जियां बनाने में भी रिफाइन तेल का अधिकता से इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तेल में किसी तरह की गंध या स्वाद नहीं होता है इसलिए अधिकतर लोग खाने में इस्तेमाल करते है।
Refined oil is harmful for health: पुराने समय में खाना पकाने के लिए अधिकतर सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता था। या फिर घर की बुजुर्ग महिलाएं घर में डेली आने वाले दूध से निकली मलाई से शुद्ध देसी घी बनाती थी। इस घी को खाना पकाने या फिर दाल आदि छौंकने में किया जाता था। बदलते समय के साथ साथ खान पान में बदलाव हुआ।
इसके साथ ही खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले तेल में भी। अब अधिकतर घरों में पूड़ी, पराठा, पुलाव यहां तक की सब्जियां बनाने में भी रिफाइन तेल (Refined oil ) का अधिकता से इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तेल में किसी तरह की गंध या स्वाद नहीं होता है इसलिए अधिकतर लोग खाने में इस्तेमाल करते है।
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पर क्या आप जानते है इस तेल का जरुरत से अधिक इस्तेमाल सेहत के लिए बहुत नुकसान दायक हो सकता है। एक न्यूज वेबसाइट में प्रकाशित लेख के अनुसार ग्रेटर नोएडा के जीआईएमएस हॉस्पिटल की पूर्व डाइटीशियन आयुषी यादव ने एक न्यूज वेबसाइट को रिफाइंड तेल (Refined oil ) को अधिक खाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया है।
रिफाइंड तेल (Refined oil ) में कई तरह के फैट होते है, जिनमें से अधिकतर ट्रांस फैट्स और सैटुरेटेड फैट्स शामिल है। इन फैट्स का अधिक सेवन करने से शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। जो लोग जरुरत से ज्यादा रिफाइंड तेल का इस्तेमाल करते हैं।
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उन्हें कई तरह की बीमारियां घेर सकती हैं। जैसे हार्ट से संबंधित बीमारियां, डायबिटीज और मोटापा जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। रिफाइंड तेल (Refined oil ) की प्रोसेसिंग हाई टेम्प्रेचर पर की जाती है जिससे यूरिक एसिड भी बढ़ सकता है जो बाद में जोड़ों के दर्द का कारण बनता है।
रिफाइंड तेल (Refined oil ) की बजाय हमें अपनी डेली डाइट में हेल्दी नेचुरल तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। जिनमें नारियल तेल, जैतून का तेल और तिल का तेल शामिल है। इनको इस्तेमाल करने से शरीर में ट्रांस फैट नहीं बढ़ता और हम कई तरह की खतरनाक और जानलेवा बीमारियों से बच जाएंगे।