चैट जीपीटी (Chat GPT) और बार्ड (Bard) जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई टूल हर तरफ अपनी दबदबा को बना रहे हैं। लगभग सभी कार्य को एआई चैटबॉट (AI chatbot) कई तरीकों ने बदल कर रख दिया है। हालांकि एआई के आने से जहां एकतरफ इंसानों का काम बेहद आसान हो जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ इसे मैन्युअल कर्मचारियों (Manual Workers) के लिए खतरा माना जा रहा है।
AI Platform : चैट जीपीटी (Chat GPT) और बार्ड (Bard) जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) यानी एआई टूल हर तरफ अपनी दबदबा को बना रहे हैं। लगभग सभी कार्य को एआई चैटबॉट (AI chatbot) कई तरीकों ने बदल कर रख दिया है। हालांकि एआई के आने से जहां एकतरफ इंसानों का काम बेहद आसान हो जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ इसे मैन्युअल कर्मचारियों (Manual Workers) के लिए खतरा माना जा रहा है।
जीनियस कंसल्टेंट्स (Genius Consultants) की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों का एक प्रमुख हिस्से का मानना है कि एआई प्लेटफॉर्म (AI Platform) में धीरे-धीरे मैन्युअल कर्मचारियों को बदलने की क्षमता है। यह रिपोर्ट विभिन्न उद्योगों में 1,207 पेशेवरों के बीच किए गए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है। शोध में सामने आया कि 50% उत्तरदाताओं ने चैट जीपीटी और इसी तरह के एआई प्लेटफार्मों (AI Platform) को एक वरदान के रूप में देखा, और उनसे होने वाले लाभों को पहचाना।
हालांकि, 25% ने अतिनिर्भरता, पूर्वाग्रह, मानवीय स्पर्श की कमी और संभावित गोपनीयता और सुरक्षा जोखिम जैसे मुद्दों पर चिंता व्यक्त की। इसमें शामिल लगभग 47% कर्मचारी वर्तमान में चैट जीपीटी का इस्तेमाल करते हैं। 67% लोगों का मानना है कि एआई प्लेटफॉर्म (AI Platform) प्रक्रिया Automation के माध्यम से दोहराए जाने वाले और थकाऊ काम को खत्म करने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे वर्कफ्लो आसान हो जाएगा।
यूएस-ब्राजील के शोधकर्ता बेन गोएर्टजेल (Ben Goertzel) का मानना है कि आने वाले सालों में एआई (AI) 80 प्रतिशत मानव नौकरियों को बदल सकता है। उन्होंने इसे आने वाले समय के लिए अच्छा भी बताया है। वे इस पर प्रतिबंध लगाने के सख्त खिलाफ हैं।