खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है।केंद्रीय एमएसएमई, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को MSME के रूप में शामिल करते हुए एमएसएमई के लिए संशोधित दिशानिर्देशों का ऐलान किया है।
नई दिल्ली: खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्रीय एमएसएमई, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को MSME के रूप में शामिल करते हुए एमएसएमई के लिए संशोधित दिशानिर्देशों का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम देश को मजबूत बनाने और उन्हें आर्थिक प्रगति का इंजन बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। गडकरी ने कहा कि संशोधित दिशानिर्देशों से ढाई करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को लाभ मिलेगा। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के रूप में खुदरा और थोक व्यापारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। सरकार ने उनको उस नुकसान से उबरने के लिए यह फैसला लिया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करने का एक ऐतिहासिक कदम हमारी सरकार ने उठाया है। सरकार के इस कदम से हमारे व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने के साथ कई अन्य लाभ मिलेंगे। साथ ही उनके कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
Our government has taken a landmark step of including retail and wholesale trade as MSME. This will help crores of our traders get easier finance, various other benefits and also help boost their business.
We are committed to empowering our traders. https://t.co/FTdmFpaOaU
— Narendra Modi (@narendramodi) July 3, 2021
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नितिन गडकरी ने कहा कि खुदरा और थोक व्यापार को अभी तक एमएसएमई के दायरे से बाहर रखा गया था, लेकिन अब संशोधित दिशानिर्देशों के तहतखुदरा और थोक व्यापार को भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार प्राथमिकता वाले क्षेत्र के तहत ऋण प्राप्त करने का लाभ मिलेगा।उन्होंने कहा कि कोविड के दूसरे वेव के कारण आई दिक्कतों से खुदरा और थोक व्यापारियों पर पड़े असर को ध्यान में रखते हुए अब इसे MSME के दायरे में लाने का फ़ैसला किया गया है।
कोविड के दूसरे वेव के कारण आई दिक़्क़तों से खुदरा और थोक व्यापारियों पर पड़े असर को ध्यान में रखते हुए अब इसे MSME के दायरे में लाने का फ़ैसला किया गया है।प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के अंतर्गत इस सेक्टर को लाकर आर्थिक सहायता पहुँचाने की कोशिश की जा रही है। #MSMEGrowthEngineOfIndia
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— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 2, 2021