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जज्बे को सलाम… हालातों पर भारी पड़ा दिव्यांग आमिर का हौसला, दुर्घटना में गवाएं दोनो हाथ, कंधे से करते हैं बैटिंग और पैरों से बॉलिंग

कहते हैं कि जीवन में कुछ बड़ा पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और संघर्ष करने के लिए हौसला का होना जरूरी होता है। मंजिल पाने के लिए कोशिशें तो हर कोई करता है, लेकिन जान लगा देने वाला जुनून बहुत कम ही लोगो में होता है....

By प्रिन्सी साहू 
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मंजिल उन्हीं को मिलती है
जिनके सपनो में जान होती है
पंख से कुछ नहीं होता
हौंसलों से ही उड़ान होती है….

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कहते हैं कि जीवन में कुछ बड़ा पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और संघर्ष करने के लिए हौसला का होना जरूरी होता है। मंजिल पाने के लिए कोशिशें तो हर कोई करता है, लेकिन जान लगा देने वाला जुनून बहुत कम ही लोगो में होता है….ये वो लोग होते हैं जिनमें अपनी मंजिल को पाने के लिए जुनून होता है, दुनिया लाख कमजोरी दिखाए, ताने दें लेकिन मंजिल पाये बिना ये दीवानें कहीं रुकते नहीं ..जिनके हौसलें हालतों के सामने घुटने नहीं टेकते है।

जम्मू कश्मीर के वाघमा गांव में हुआ था जन्म

ऐसे ही लोगो में से एक हैं जम्मू कश्मीर पैरा क्रिकेट टीम के कप्तान आमिर हुसैन। आमिर दिव्यांग क्रिकेटर है। इनका जन्म वाघमा गांव में हुआ था। 34 साल के आमिर साल 2013 के क्रिकेट खेल रहे हैं। जब वह अपने कंधों से बैट को संभाले धमाकेदार बैटिंग करते हैं या पैरों में फंसाकर बॉलिंग करते हैं तो न सिर्फ फील्ड पर बल्कि स्टेडियम में मौजूद दर्शकों की आंखे खुली की खुली रह जाती हैं।

आठ साल की उम्र में एक दुर्घटना में गवां दिए थे दोनो हाथ

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आमिर ने आठ साल की उम्र में एक दुर्घटना में अपने दोनो हाथ गवां दिए। दोनो हाथ न होने के बावजूद उन्होंने सपने देखें और अपनी उड़ानों को पंख दिए। खुले आसमान में अपने पंख पसारने के लिए अपने हौसलों को उड़ान दी और हालातों के आगे हार नहीं मानी।

दोनो हाथ न होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने जुनून को पाने के लिए जुट गए। बैटिंग के लिए बल्ले को कंधे और गर्दन के बीच फंसाकर पकड़ते हैं। इके अलावा बॉलिंग के लिए आमिर अपने पैरों का इस्तेमाल करते हैं।

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने वीडियो पर कमेंट करते हुए लिखा,” और आमिर ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है। मैं इसे देखकर बहुत प्रभावित हुआ हूं। इससे पता चलता है कि उनके मन में खेल के प्रति कितना प्यार और समर्पण है। उम्मीद है कि मैं एक दिन उनसे मिलूंगा और उनके नाम की जर्सी खरीदूंगा। खेल खेलने के प्रति जुनूनी लाखों लोगों को प्रेरित करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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