भारतीय ओवरसीज कांग्रेस (Indian Overseas Congress) के प्रमुख सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। जिसे लेकर देश में राजनीति तेज हो गई है। वहीं भाजपा के हमले के बाद कांग्रेस पार्टी ने खुद को सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) के बयान अलग कर लिया है।
नई दिल्ली। भारतीय ओवरसीज कांग्रेस (Indian Overseas Congress) के प्रमुख सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। जिसे लेकर देश में राजनीति तेज हो गई है। वहीं भाजपा के हमले के बाद कांग्रेस पार्टी ने खुद को सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) के बयान अलग कर लिया है। इस मामले में कांग्रेस नेता और महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि, सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) का बयान पार्टी के विचार नहीं हैं। मामले में जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) की तरफ से चीन पर व्यक्त किए गए विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं।
The views reportedly expressed by Mr. Sam Pitroda on China are most definitely NOT the views of the Indian National Congress.
China remains our foremost foreign policy, external security, as well as economic challenge. The INC has repeatedly raised questions on the Modi Govt's… pic.twitter.com/vVjjc9pQbT
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 17, 2025
चीन के मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर उठाए सवाल
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि चीन हमारी सबसे बड़ी विदेश नीति, बाहरी सुरक्षा और साथ ही आर्थिक चुनौती बना हुआ है। कांग्रेस ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें 19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा चीन को सार्वजनिक रूप से क्लीन चिट देना भी शामिल है। चीन पर हमारा सबसे हालिया बयान 28 जनवरी, 2025 को था। यह भी बेहद खेदजनक है कि संसद को स्थिति पर चर्चा करने और इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए सामूहिक संकल्प व्यक्त करने का अवसर नहीं दिया जा रहा है।
जानें सैम पित्रोदा ने क्या दिया है बयान?
कांग्रेस के विदेश इकाई के प्रमुख सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) ने चीन को लेकर कहा कि चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है और भारत का दृष्टिकोण हमेशा टकरावपूर्ण रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि देशों को एक-दूसरे से सहयोग करना चाहिए, न कि टकराव। हमें इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है और यह मानना बंद करना होगा कि चीन पहले दिन से ही दुश्मन है।