सावन मास भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इस पूरे मास में शिव परिवार की पूजा की जाती है।
Sawan Shani Sampat Vrat : सावन मास भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इस पूरे मास में शिव परिवार की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शिव पूजा से मनोवांक्षित फल प्राप्त होते हैं आर रोग, शोक ,भय , बाधा से मुति मिलती है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, सावन में भगवान शिव की पूजा के साथ ही अगर शनिदेव की पूजा भी की जाए तो इसके कई लाभ मिलते हैं। यदि कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में है, तो व्यक्ति को जीवन में संघर्ष, देरी, और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
इसी प्रकार न्याय के देवता शनिदेव को भी इस माह में प्रसन्न किया जा सकता है। शनिदेव के गुरु भगवान शिव ही हैं। इसलिए भगवान शिव को जलाभिषेक करने से शनिदेव भी प्रसन्न होते है। सावन के शनिवार के दिन भगवान शिव के पश्चात शनि की पूजा काफी विशेष मानी गई है।
करें ये उपाय
(1) भगवान शिव के समक्ष शनिदेव की पूजा करने से शनिदेव शीघ्र प्रसन्न हो जाते है।सावन के शनिवार को शिवलिंग का जलाभिषेक जल में काले तिल डालकर करने से शनि देव की कृपा बरसती है।
(2) सावन शनिवार को गहरा नीले रंग (शनिदेव का प्रिय रंग ) के वस्त्र पहनकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
(3) शनिदेव के मंत्रों का जाप सावन शनिवार को रुद्राक्ष की माला से करने से भी शनि के दोष से मुक्ति मिलती है।
(4) सावन में शनिवार को शनिदेव की कथा सुनना या पढ़ना शुभ माना जाता है। शनि यंत्र की पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
(5) सावन में सात्विक आहार ग्रहण करने और सन्मार्ग पर चलने से भी शनिदेव प्रसन्न होते। हैं।
(6)सावन माह के हर शनिवार को शनि संपत व्रत का पालन करें। शनि देव को काले तिल, काले वस्त्र, तेल, फूल, धूप और दीपक अर्पित करें। दिन में एक बार सूर्यास्त के बाद हल्का शाकाहारी भोजन करें।