श्रावण माह के शुरू होते ही भक्तजनों का मन आस्था से भर जाता है। बारिश की फुहारों के बीच शिव की आराधना का अलग ही रोमांच होता है। वैसे तो पूरे साल ही मंदिरों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना होती है। मगर प्रत्येक श्रावण सोमवार को सभी की भक्ति अपने चरम पर होती है। भक्त इस शुभ अवसर पर अपने आराध्य को प्रसन्न करने के यथासंभव प्रयास करते हैं।
Sawan Special: श्रावण माह के शुरू होते ही भक्तजनों का मन आस्था से भर जाता है। बारिश की फुहारों के बीच शिव की आराधना का अलग ही रोमांच होता है। वैसे तो पूरे साल ही मंदिरों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना होती है। मगर प्रत्येक श्रावण सोमवार को सभी की भक्ति अपने चरम पर होती है। भक्त इस शुभ अवसर पर अपने आराध्य को प्रसन्न करने के यथासंभव प्रयास करते हैं।
शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है, उन्हें दूध से भी नहलाया जाता है और अगरबत्ती व धूप से वातावरण को सुगंधित बनाया जाता है। इन सभी प्रयासों से तो शिव खुश होते ही हैं।
मगर यदि भक्त उन्हें विभिन्न तरीकों के फूल व पत्तियां अर्पित करते हैं तब भी भोलेनाथ मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। इन सभी भोलेनाथ के प्रिय फूल का अपना अलग ही महत्व होता है। आज हम आपको बताएंगे कि, भगवान भोलेनाथ के प्रिय फूल व किस फूल को अर्पित करने से क्या लाभ होता है।
बिल्व पत्र या बेल पत्र की महत्ता भगवान भोलेनाथ की वजह से ही है। बेल पत्र के पेड़ को शिवद्रुम के नाम से भी जाना जाता है। सभी भक्त खास अवसरों पर भोलेनाथ को बेलपत्र अर्पित करते हैं, क्योंकि ऐसा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
बेला का फूल सफेद रंग का बेहद सुगंधित पुष्प होता है। इस छोटे से फूल से भी आप शिवजी को प्रसन्न कर सकते हैं। यदि आपकी शादी में दिक्कत आ रही है तो शिव को बेला के फूल अर्पित करने से अच्छा वर मिलेगा।
धतूरे का धार्मिक के साथ ही औषधीय महत्व भी होता है। इसके बीज से लेकर जड़, तना, फल, फूल व रस तक कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होते हैं। शंकर जी को चढ़ाए जाने वाले फूलों में धतूरा प्रमुख है। जो निःसंतान है उन्हें संतान प्राप्ति के लिए भोलेनाथ को धतूरा अर्पित करना चाहिए।
दूब या दुर्वा यूं तो एक तरह की घास ही है। मगर हिंदू मान्यता के अनुसार इसका धार्मिक महत्व है। आमतौर पर गणेशोत्सव के दौरान गणपति बाबा को दुर्वा अर्पित की जाती है। लेकिन गणेश की तरह ही उनके पिता शिव जी को भी दुर्वा प्रिय है और उन्हें एक लाख दुर्वा चढ़ाने से उम्र लंबी होती है।
गुड़हल या जपाकुसुम लाल रंग के बेहद ही सुंदर फूल होते हैं। ये भगवान गणेश के साथ ही भगवान शंकर के भी प्रिय होते हैं। गुड़हल के फूलों के अर्पण से दुश्मनों का विनाश होता है।
पारिजात, हरसिंगार या शिउली का फूल भी सफेद रंग का होता है और इसमें एक नारंगी डंडी होती है। रात में खिलने वाले इन फूलों को शिव को अर्पित करने से खुशियों व ऐश्वर्य में बढ़ोतरी होती है।
आमतौर पर देवताओं को गुलाबी रंग के गुलाब की पंखुड़ियां चढ़ाई जाती है। लेकिन शिव का प्रिय तो लाल गुलाब होता है। यदि आप उन्हें लाल गुलाब अर्पित करते हैं तो धन व समृद्धि बढ़ने लगते हैं।