Bihar Caste Census Data: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की नितीश सरकार ने जातीय गणना का डाटा (Caste Census Data) रिलीज किया है। जिसको लेकर सियासत गरमाती हुई नजर आ रही है, भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जा पहुंचा है। एक याचिकाकर्ता ने यह मामला कोर्ट के सामने उठाया। हालांकि, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अभी कुछ टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
Bihar Caste Census Data: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की नितीश सरकार ने जातीय गणना का डाटा (Caste Census Data) रिलीज किया है। जिसको लेकर सियासत गरमाती हुई नजर आ रही है, भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जा पहुंचा है। एक याचिकाकर्ता ने यह मामला कोर्ट के सामने उठाया। हालांकि, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अभी कुछ टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
दरअसल, पहले बिहार सरकार (Bihar Government) की ओर से सर्वे से जुड़ा आंकड़ा प्रकाशित नहीं करने की बात की गई थी। इसके बाद इसे प्रकाशित कर दिया गया। इसे लेकर अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि बिहार सरकार ने जाति सर्वेक्षण डेटा प्रकाशित कर दिया है। ऐसे में इस पर जल्द सुनवाई की जानी चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह अभी मामले में कोई टिप्पणी नहीं करेगा। 6 अक्टूबर को मामला सुनवाई के लिए लगा है उसी समय आपकी दलील सुनेंगे।
बता दें कि बिहार सरकार ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना के निष्कर्ष जारी किए, जिसमें खुलासा हुआ कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत हैं। जातीय गणना के जारी आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से 36 प्रतिशत के साथ ईबीसी सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है। इसके बाद ओबीसी 27.13 प्रतिशत हैं। ओबीसी समूह में शामिल यादव समुदाय प्रदेश की कुल आबादी का 14.27 प्रतिशत है।