HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तराखंड
  3. IFS अधिकारी की नियुक्ति मामले SC की पुष्कर धामी पर तीखी टिप्पणी, कहा- सामंती युग नहीं है कि राजा जैसा बोलें वैसा ही होगा

IFS अधिकारी की नियुक्ति मामले SC की पुष्कर धामी पर तीखी टिप्पणी, कहा- सामंती युग नहीं है कि राजा जैसा बोलें वैसा ही होगा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) पर तीखी टिप्प्णी करते हुए कहा कि यह सामंती युग (Feudal Era) नहीं है कि राजाजी जैसा बोलें वैसा ही होगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। उत्तराखंड राज्य (Uttarakhand State) में आईएफएस अफसर (IFS Officer) की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की चौखट तक पहुंचा है। जहां सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) पर तीखी टिप्प्णी करते हुए कहा कि यह सामंती युग (Feudal Era) नहीं है कि राजाजी जैसा बोलें वैसा ही होगा। बता दें कि आईएफएस अफसर राहुल (IFS Officer Rahul)  पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में अवैध पेड़ काटने का आरोप लगा है। इसके बावजूद उन्हें राजाजी नेशनल पार्क (Rajaji National Park) का निदेशक बना दिया गया है। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद में सरकार ने उन्हें हटा दिया है।

पढ़ें :- अरविंद केजरीवाल कल देंगे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा, विधायक दल की बैठक में नए CM के नाम पर लगेगी मुहर

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री से ही चाहिए हलफनामा

उत्तराखंड के जिम कार्बेट पार्क Jim Corbett Park) में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई की। इस दौरान पीठ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami)  के कार्यों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए खरी-खोटी भी सुनाई। पीठ ने कहा कि सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत को आपने कूड़ेदान में फेंक दिया है। इसके साथ कोर्ट ने कहा कि ये कोई सामंती युग नहीं है, जैसा राजाजी बोलेंगे वैसा ही होगा। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने यह भी कहा है कि ऐसा नहीं है कि वह मुख्यमंत्री हैं तो कुछ भी कर सकते हैं, जब चाहें जिसे हटा दें, बरी कर दें या विभागीय कार्यवाही बंद कर दें। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री से ही हलफनामा चाहिए।

पीठ ने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve) में अवैध पेड़ कटान के आरोपी आईएफएस अधिकारी राहुल (IFS Officer Rahul)  को पहले हटा दिया। इसके बाद उन्हें राजाजी नेशनल पार्क (Rajaji National Park)  निदेशक बना दिया है, ये उचित नहीं है। सरकार के इस कदम को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने मनमानी बताते हुए कहा कि जिसे निलंबित किया जाना चाहिए, उसका स्थानांतरण कर दिया गया। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पहले भी कहा था कि ऐसे कदम से साफ कहा जा सकता है कि तत्कालीन वन मंत्री और डीएफओ (DFO) ने खुद को कानून मान लिया था।

चल रही है सीबीआई जांच

पढ़ें :- Delhi News : मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर ने लगाई फांसी, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा

बता दें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) के डायरेक्टर रहे आईएफएस अधिकारी राहुल (IFS Officer Rahul) के खिलाफ सीबीआई (CBI) जांच चल रही है। यही नहीं, उनके खिलाफ सिविल सर्विसेज बोर्ड ने भी आपत्ति दर्ज की थी। आईएफएस (IFS) अधिकारी पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर अवैध निर्माण करने और कानून की परवाह किए बिना पेड़ों की अवैध कटाई कराए जाने का आरोप है। इसके साथ ही डीएफओ (DFO) के खिलाफ भी जांच चल रही है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...