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Shakun Shastra : यात्रा के दौरान कुत्ता बायीं ओर चले तो इसका ये मतलब होता है, जानिए इससे जुड़े शकुन के बारे में

सनातन धर्म में जीवों पर दया करने की भावना के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, कुत्ता को भैरव बाबा का रूप माना जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Shakun Shastra: सनातन धर्म में जीवों पर दया करने की भावना के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, कुत्ता को भैरव बाबा का रूप माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा तभी पूरी मानी जाती है जब बाबा भैरव की पूजा की जाती है। इस कारण से सनातन जीवन शैली में कुत्ते को घर परिवार का सदस्य माना जाता है। प्राचीन ग्रंथ शकुन शास्त्र के अनुसार कुछ संकेतों के आधार भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे पूर्व में संकेत मिलने लगते है।  कुछ जीवों के क्रियाकलाप के आधार पर और संकेतों के आधार पर इस शास्त्र में शकुन और अपशकुन का विचार किया जाता है। आइये जानते है कुत्ते से जुड़े शकुन के बारे में ।

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1.शकुन शास्त्र के अनुसार कुत्ता यदि अचानक धरती पर सर रगड़ना शुरू कर दे तो वहां गड़े धन के होने की सम्भावना होती है।
2.यात्रा के दौरान अगर कुत्ता बायीं और संग संग चले तो सुन्दर स्त्री और धन की प्राप्ति होती है वही दांयी और चलने पर किसी प्रकार के धन की हानि के संकेत मिलते है।
3. भोजन करते समय आपके सामने कुत्ता आ जाता है और पूछ उठाकर सर को हिलाता है तो भोजन नहीं करना चाहिए ऐसा भोजन करने से बीमार पड़ने की सम्भावना बढ़ जाती है।
4.कुत्ता के पेड़ के निचे खड़े होकर भोंकने से वर्षाकाल में अच्छी वर्षा के संकेत मिलते है।

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