देश में पिछले दो दिनों से गणतंत्र दिवस से ज्यादा प्रमुख आडानी उद्योग ग्रुप के सम्बंध में अमेरिकी फर्म हिण्डनबर्ग की आई निगेटिव रिपोर्ट व उसका शेयर बाजार पर व्यापक बुरा प्रभाव आदि काफी चर्चाओं में है। सरकार चुप है जबकि देश के करोड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई उससे जुड़ी हुई है।
लखनऊ। देश के उद्योगपति गौतम अडानी को बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिण्डनबर्ग (Hindenburg) की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों के शेयर लगातार टूट रहे हैं। यही नहीं उद्योगपतियों की लिस्ट में भी अडानी काफी पीछे छूट गए हैं। निवेशकों के भी लाखों करोड़ रुपये डूब गए हैं। इसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने सवाल भी खड़े किए हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने कहा कि, देश में पिछले दो दिनों से गणतंत्र दिवस से ज्यादा प्रमुख आडानी उद्योग ग्रुप के सम्बंध में अमेरिकी फर्म हिण्डनबर्ग की आई निगेटिव रिपोर्ट व उसका शेयर बाजार पर व्यापक बुरा प्रभाव आदि काफी चर्चाओं में है। सरकार चुप है जबकि देश के करोड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई उससे जुड़ी हुई है।
साथ ही कहा कि, शेयरों में धोखाधड़ी आदि के आरोपों के बाद अडानी की सम्पत्ति में 22.6 अरब डालर की कमी व उनके विश्व रैंकिंग घटने से ज्यादा लोग इससे चिन्तित हैं कि सरकार ने ग्रुप में जो भारी निवेश कर रखा है उसका क्या होगा? अर्थव्यवस्था का क्या होगा? बेचैनी व चिन्ता स्वाभाविक। समाधान जरूरी।
साथ ही उन्होंने कहा कि, संसद के 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र के प्रारंभ में ही सरकार को इस मुद्दे पर विस्तार से स्वयं ही वक्तव्य सदन के दोनों सदन में रखना चाहिए ताकि पूरे देश में व खासकर अर्बन मिडिल क्लास परिवारों में आर्थिक जगत तथा अडानी ग्रुप आदि को लेकर छाई बेचैनी व मायूसी थोड़ी कम हो सके।