यूपी (UP) की योगी सरकार (Yogi Government) ने सीतापुर जिले (Sitapur District) के नैमिषारण्य में वेद विज्ञान अध्ययन एवं अनुसंधान केंद्र (Veda Science Studies and Research Center in Misharanya) की स्थापना के लिए जमीन आवंटित कर दी है। नैमिषारण्य की तहसील मिश्रिख परगना औरंगाबाद ग्राम ठाकुरनगर में योगी सरकार (Yogi Government) ने लगभग 5 एकड़ भूमि आवंटित की है।
लखनऊ। यूपी (UP) की योगी सरकार (Yogi Government) ने सीतापुर जिले (Sitapur District) के नैमिषारण्य में वेद विज्ञान अध्ययन एवं अनुसंधान केंद्र (Veda Science Studies and Research Center in Misharanya) की स्थापना के लिए जमीन आवंटित कर दी है। नैमिषारण्य की तहसील मिश्रिख परगना औरंगाबाद ग्राम ठाकुरनगर में योगी सरकार (Yogi Government) ने लगभग 5 एकड़ भूमि आवंटित की है। वहीं, अनसुंधान केंद्र की स्थापना के लिए 25 करोड़ की धनराशि जारी कर दी गयी है। इसके निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड (Uttar Pradesh State Construction Corporation Limited) को सौंपी गयी है।
संग्रहालय में उपलब्ध होंगे वैदिक ग्रंथ
नैमिषारण्य में वेद विज्ञान अध्ययन एवं अनुसंधान केंद्र (Veda Science Studies and Research Center in Misharanya) की स्थापना के ब्लू प्रिंट पर उच्च स्तर पर विचार विमर्श चल रहा है। वैदिक विज्ञान केंद्र में वेद विज्ञान से संबंधित विषयों को जोड़ते हुए अनुसंधान और प्रकाशन का काम किया जाएगा। इसी तरह विभिन्न वैदिक विषयों के पाठ्यक्रम भी तैयार किए जाएंगे। इसमें वैदिक गणित, वैदिक विधिशास्त्र, वैदिक योग विज्ञान, वैदिक पर्यावरण, वैदिक वन औषधियां एवं वनस्पति आदि पाठ्यक्रम शामिल हो सकेंगे। इसी प्रकार से प्रौद्योगिकी के भी अनेक विषयों को समाहित करते हुए वैदिक वास्तुशास्त्र, भौतिक एवं इंस्ट्रूमेंटल में परास्नातक कोर्स शुरू किए जा सकते हैं। केंद्र में विशिष्ट संग्रहालय भी विकसित किया जाएगा, जहां वैदिक ग्रंथ उपलब्ध होंगे।
वैदिक वास्तु के अनुसार होगा परिसर का निर्माण
अध्ययन केंद्र में एक वृहद वैदिक पुस्तकालय का भी निर्माण किया जाएगा, जहां पचास हजार पुस्तकों को रखने की व्यवस्था होगी। केंद्र में वाराणसी के दशाश्वमेध घाट के मानमंदिर की तरह वेदशाला, वैदिक संग्रहालय, वेदोद्यान, तारा मंडल और विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण किया जाएगा। परिसर में तालाब के साथ एक कुआं भी होगा। परिसर में दो संगोष्ठी कक्ष बनाए जाएंगे, जिसमें क्रमश: 500 और 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही एक समिति कक्ष का भी निर्माण किया जाएगा, जहां 60 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी।
केंद्र में गुरुकल और आधुनिक पद्धति के अनुसार कक्षाओं का निर्माण किया जाएगा, जिसमें कम से कम 60 बच्चों के बैठने की व्यवस्था होगी। पूरा केंद्र वैदिक वास्तु के अनुसार बनाया जाएगा, जो मंदिर की कलाकृति के अनुसार होगा ताकि वह देखने में वेद मंदिर की तरह लगे। यहां पर फर्नीचर भी वास्तु के अनुसार ही होंगे।
केंद्र में एक वेद मंदिर का भी निर्माण होगा, जिसमें चारों वेदों के रूप में पुस्तक और मूर्तियों का निर्माण होगा। वहीं छात्रावास का भी निर्माण होगा, जिसमें 300 बच्चों के रहने की व्यवस्था होगी। इतना ही नहीं केंद्र में एक अतिथिशाला का भी निर्माण होगा, जिसमें कम से कम 25 कमरे होंगे। केंद्र में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था होगी।