'सपा प्रमुख की मौजूदगी में 'मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ नारे को लेकर रामचरित मानस विवाद वाले सपा नेता पर मुकदमा होने की खबर आज सुर्खि़यों में है। वास्तव में यूपी के विकास व जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है।'
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, यूपी के विकास व जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है। दरअसल, रायबरेली में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए ‘मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ का नारा लगाया था। इस नारे को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गयी है। वहीं, अब इस मामले को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गयी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘सपा प्रमुख की मौजूदगी में ‘मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ नारे को लेकर रामचरित मानस विवाद वाले सपा नेता पर मुकदमा होने की खबर आज सुर्खि़यों में है। वास्तव में यूपी के विकास व जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है।’
इसके साथ ही लिखा है कि, यह हकीकत लोगों के सामने बराबर आती रही है कि सन 1993 में मान्यवर कांशीराम जी ने सपा-बसपा गठबंधन मिशनरी भावना के तहत बनाई थी, किन्तु मुलायम सिंह यादव के गठबंधन का सीएम बनने के बावजूद उनकी नीयत पाक-साफ न होकर बसपा को बदनाम करने व दलित उत्पीड़न को जारी रखने की रही।
आगे उन्होंने लिखा है कि, इसी क्रम में उस दौरान अयोध्या, श्रीराम मन्दिर व अपरकास्ट समाज आदि से सम्बंधित जिन नारों को प्रचारित किया गया था वे बीएसपी को बदनाम करने की सपा की शरारत व सोची-समझी साजिश थी। अतः सपा की ऐसी हरकतों से खासकर दलितों, अन्य पिछड़ों व मुस्लिम समाज को सावधान रहने की सख्त जरूरत।