हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने की योजना पर चर्चा की और मार्च 2026 तक राज्य को 'ग्रीन एनर्जी स्टेट' में बदलने का लक्ष्य रखा है।
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने की योजना पर चर्चा की और मार्च 2026 तक राज्य को ‘ग्रीन एनर्जी स्टेट’ में बदलने का लक्ष्य रखा है। हिमाचल प्रदेश में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश को 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने भी शुरू कर दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों शिमला, हमीरपुर और कांगड़ा में पहले चरण में पेट्रोल और डीजल वाहन की जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियां इस्तेमाल में लाई जाएंगी। वहीं दूसरे चरण में अन्य जिलों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदी जानी हैं।
सुक्खू ने एक बयान में कहा कि पर्याप्त धूप, पानी और हवा सहित राज्य के प्रचुर रिन्युअल एनर्जी रिसोर्सेज, प्रदेश को ग्रीन हाइड्रोजन पैदा करने के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलिसी का प्राथमिक उद्देश्य बड़े पैमाने पर रिन्युअल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में निवेश आकर्षित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इलेक्ट्रिक वाहनोें की इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश मंत्रिमंडल ने हाल ही में राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 को मंजूरी दी है।
इस योजना के तहत ई-टैक्सियों, ई-बसों और ई-ट्रकों की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए परिवहन विभाग के अधिकारियों को अगले 10 दिनों के भीतर हितधारकों के साथ एक बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए।