Big statement of RSS Leader Indresh Kumar: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और आरएसएस के बीच मतभेद अब खुलकर सामने आने लगा है। केंद्र में एनडीए ने लगातार तीसरी बार सरकार तो बना ली, लेकिन भाजपा अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पायी। जिसको लेकर आरएसएस के नेता बिना नाम लिए निशाना साध रहे हैं। इसी कड़ी में आरएसएस के बड़े नेताओं में से एक इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने इशारो-इशारो में भाजपा पर निशाना साधा है।
Big statement of RSS Leader Indresh Kumar: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के नतीजों के बाद अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और आरएसएस के बीच मतभेद अब खुलकर सामने आने लगा है। केंद्र में एनडीए ने लगातार तीसरी बार सरकार तो बना ली, लेकिन भाजपा अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पायी। जिसको लेकर आरएसएस के नेता बिना नाम लिए निशाना साध रहे हैं। इसी कड़ी में आरएसएस के बड़े नेताओं में से एक इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने इशारो-इशारो में भाजपा पर निशाना साधा है।
जयपुर के पास कानोता में आयोजित एक कार्यक्रम में इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने कहा, ‘राम सबके साथ न्याय करते हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए। जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अंहकार आ गया। उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी बना दिया। लेकिन जो उसको पूर्ण हक मिलना चाहिए, जो शक्ति मिलनी चाहिए थी, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी।’ आरएसएस नेता ने आगे कहा, ‘जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी। उनमें से किसी को भी शक्ति नहीं दी। सब मिलकर भी नंबर-1 नहीं बने। नंबर-2 पर खड़े रह गए। इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है। सत्य है। बड़ा आनंददायक है।’
इस दौरान इंद्रेश कुमार ने अयोध्या से भाजपा प्रत्याशी रहे लल्लू सिंह (Lallu Singh) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘जो राम की भक्ति करे, फिर अहंकार करे, जो राम का विरोध करे, उसका अकल्याण अपने आप हो गया। लल्लू सिंह ने जनता पर जुल्म किए थे, तो रामजी ने कहा कि पांच साल आराम करो, अगली बार देख लेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘भगवान राम भेदभाव नहीं करते और दंड नहीं देते। राम किसी को विलाप नहीं कराते। राम सबको न्याय देते हैं। वो देते हैं और देते रहेंगे। भगवान राम हमेशा न्यायप्रिय हैं और न्यायप्रिय रहेंगे।
इससे पहले 10 जून को नागपुर में सरसंघ चालक मोहन भागवत ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को निशाने साधा था। आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा था कि जो मर्यादा का पालन करते हुए कार्य करता है, गर्व करता है, किन्तु लिप्त नहीं होता, अहंकार नहीं करता, वही सही अर्थों में सेवक कहलाने का अधिकारी है। उन्होंने कहा कि जब चुनाव होता है तो मुकाबला जरूरी होता है। इस दौरान दूसरों को पीछे धकेलना भी होता है, लेकिन इसकी एक सीमा होती है। यह मुकाबला झूठ पर आधारित नहीं होना चाहिए।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ा झटका उत्तर-प्रदेश में लगा है, जहां पार्टी सिर्फ 33 सीटों पर ही सिमट गयी। यहां तक कि अयोध्या जहां भाजपा का जीतना लगभग तय माना जा रहा था। उस सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने 50 हजार से ज्यादा के अंतर से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को हराया है। इस बार समाजवादी पार्टी को प्रदेश में सबसे ज्यादा 37 सीटें मिली हैं।