यूपी (UP) के सुल्तानपुर जिले (Sultanpur District) में बाहुबली नेता चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह को एक पुराने मामले में सोमवार को जेल भेज दिया गया है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दौरान सोनू सिंह समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हुए थे।
सुल्तानपुर। यूपी (UP) के सुल्तानपुर जिले (Sultanpur District) में बाहुबली नेता चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह को एक पुराने मामले में सोमवार को जेल भेज दिया गया है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दौरान सोनू सिंह समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने सपा के लोकसभा प्रत्याशी के लिए जमकर प्रचार किया था। 4 जून को जब चुनावी नतीजे आए तो सुल्तानपुर से बीजेपी उम्मीदवार मेनका गांधी (BJP Candidate From Sultanpur Maneka Gandhi) को हार का सामना करना पड़ा।
बता दें कि बाहुबली सपा नेता व पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू (Former MLA Chandrabhadra Singh alias Sonu) सहित दो लोगों को जेल भेजा गया है। जिस मामले में इन्हें जेल हुई है वो करीब तीन वर्ष पहले का केस है। जेसीबी से दीवार गिराने और जबरन मारपीट के मामले में MP-MLA कोर्ट (MP-MLA Court) ने डेढ़ साल की सजा और 23 हजार रुपये जुर्माने का आदेश दिया था। सरेंडर न करने पर बाद में कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया। इस आदेश के बाद सोनू सिंह और एक अन्य आरोपी कोर्ट में पेश हुए, जहां से कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया। इस घटनाक्रम के बाद सुल्तानपुर में हलचल तेज हो गई है। लोग इसके मायने निकाल रहे हैं। फिलहाल, सोनू की ओर से जमानत के प्रयास किए जा रहे हैं।
ये पूरा मामला है
धनपतगंज थानाक्षेत्र के मायंग गांव का, जहां के निवासी बनारसी लाल कसौंधन ने आरोप लगाया था कि फरवरी 2021 में इसौली के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह ‘सोनू’, उनके सहयोगी सूर्य प्रकाश सिंह ‘अंशु’ के निर्देश पर रूकसार ने जबरन उनकी दीवार जेसीबी से गिरा दी थी और विरोध करने पर घर में घुसकर मारा पीटा था।
इसी मामले में सुनवाई करते हुए MP-MLA कोर्ट (MP-MLA Court) ने आदेश सुरक्षित कर लिया था और 4 जून को सभी आरोपियों को सरेंडर करने का आदेश दिया था। 4 जून को अमेठी के रहने वाले रूकसार ने तो कोर्ट में सरेंडर किया था, लेकिन सोनू सिंह और अंशु गैरहाजिर रहे। जिस पर कोर्ट ने उनकी गिरफ़्तारी का आदेश दे दिया और सुनवाई की तारीख दे दी। आज (10 जून) मामले की सुनवाई होनी थी, जिसमें सोनू और अंशु पहुंचे थे। उन्होंने सरेंडर किया था। हालांकि, सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया। इस सजा के विरुद्ध दोषियों ने ऊपरी कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्हें कोई रिलीफ नहीं मिली।