गौरव गोगई ने आगे कहा, भारत के नागरिकों पर सबसे दर्दनाक आतंकी हमले मोदी सरकार में हुए हैं, जिसमें उरी, पुलवामा और पहलगाम हमले हुए। सरकार कह रही है- हमारा मकसद युद्ध का नहीं था। हम पूछ रहे हैं- क्यों नहीं था? होना चाहिए था। सरकार कह रही है- हमारा मकसद PoK लेना नहीं था। हम पूछ रहे हैं- क्यों नहीं था? होना चाहिए था। PoK अगर आज नहीं लेंगे, तो कब लेंगे?
नई दिल्ली। लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा। वहीं, कांग्रेस की तरफ से गौरव गोगई ने चर्चा करते हुए रक्षामंत्री पर पलटवार किया। साथ ही पू्छा कि, रक्षा मंत्री ने सदन को यह क्यों नहीं बताया कि पहलगाम के बैसरन में दहशतगर्द कैसे आए? गौरव गोगई ने कहा कि रक्षा मंत्री ने यह नहीं बताया कि उन आतंकियों का मसकद क्या था।
गौरव गोगई ने लोकसभा में कहा, देश जानना चाहता है-100 दिन बीतने के बाद भी सरकार पहलगाम के दहशतगर्दों को क्यों नहीं पकड़ पाई? पहलगाम के आतंकियों को किसने पनाह दी, किसने जानकारी दी? पहलगाम के आतंकियों को फरार होने में किसने मदद की? 100 दिन बीत गए, लेकिन सरकार के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है। सरकार के पास ड्रोन, पेगासस, CRPF, BSF, CISF है, वहां गृहमंत्री कुछ दिन पहले ही गए थे… लेकिन फिर भी आप किसी को पकड़ नहीं पाए। गृहमंत्री को पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी, आप लेफ्टिनेंट गवर्नर के पीछे छिप नहीं सकते।
उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश से वापस आए और पहलगाम जाने के बदले चुनावी भाषण देने बिहार चले गए। अगर पहलगाम कोई गया तो वो हमारे नेता राहुल गांधी जी थे। रक्षा मंत्री होने के नाते राजनाथ सिंह जी ने बहुत कुछ कहा, लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि पहलगाम में आतंकी कैसे आए? जिस बैसरन घाटी में लोग छुट्टियां मनाने गए थे, वहां आतंकी कैसे पहुंचे और कैसे 26 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया? रक्षामंत्री भले न बताएं, लेकिन हम विपक्ष में होने के नाते देशहित में सवाल पूछेंगे।
गौरव गोगई ने आगे कहा, भारत के नागरिकों पर सबसे दर्दनाक आतंकी हमले मोदी सरकार में हुए हैं, जिसमें उरी, पुलवामा और पहलगाम हमले हुए। सरकार कह रही है- हमारा मकसद युद्ध का नहीं था। हम पूछ रहे हैं- क्यों नहीं था? होना चाहिए था। सरकार कह रही है- हमारा मकसद PoK लेना नहीं था। हम पूछ रहे हैं- क्यों नहीं था? होना चाहिए था। PoK अगर आज नहीं लेंगे, तो कब लेंगे?
हमारे CDS अनिल चौहान ने कहा-‘ये जरूरी नहीं कि जेट गिरे, ये जानना जरूरी है कि जेट क्यों गिरे? हमने अपनी गलतियों को समझा, उन्हें सुधारा और 2 दिन बाद जेट उड़ाकर दूर से हमला किया।’हमें बताया जाता है कि हमारे पास दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू जहाज हैं, सबसे बेहतरीन पायलट हैं। ऐसे में आखिर क्या हालात बने कि, हमारे लड़ाकू जहाज रेंज में नहीं जा सकते? लड़ाकू जहाजों को दूर से ही फायर करना पड़ता है? आखिर ये क्या पाबंदी है?
उन्होंने आगे कहा, इंडोनेशिया में ग्रुप कैप्टन शिव कुमार ने कहा कि भारत ने लड़ाकू जहाज इसलिए खोए, क्योंकि मिलिट्री टारगेट पर आक्रमण करने की पाबंदी थी। हम जानना चाहते हैं कि आखिर क्या पाबंदी थी? सरकार ने कहा कि हमने 9 टारगेट पर हमला किया, लेकिन लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने कहा कि पहले 21 टारगेट चुने गए थे, लेकिन बाद में टारगेट 9 हो गए।सवाल है आखिर में टारगेट 21 से 9 क्यों हो गए? हम सरकार से कहना चाहते हैं – आप डरिए मत। हम आपके साथ तब भी खड़े थे, आज भी खड़े हैं। हम सरकार के दुश्मन नहीं हैं। हम देश और जवानों के पक्ष में बोल रहे हैं, लेकिन आप हमें और देश को सच बताइए। लेकिन सरकार जितनी बार झूठ बोलेगी, हम उतनी बार सच्चाई के लिए सवाल पूछेंगे।