पहलगाम में जो चूक हुई, इस बारे में सरकार को सदन में अपनी बात रखनी होगी। भारत-पाकिस्तान संघर्ष के समय हमने अपनी सेना को पूरा समर्थन दिया। ये बहुत जरूरी है कि हम सदन के अंदर भी अपनी सेनाओं को मिलकर समर्थन दें। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों से भारत की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। ऐसे में उनके सवालों का जवाब सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही दे सकते हैं।
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होगा। संसद के मानसून सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बीच कांग्रेस नेता गौरव गोगई का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों से भारत की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। ऐसे में उनके सवालों का जवाब सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही दे सकते हैं।
मीडिया से बातचीत करते हुए गौरव गोगई ने कहा, पिछले कुछ समय से देश में हुई महत्वपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के बाद हमें मानसून सत्र में देश को संबोधित करने का अवसर मिलेगा। इसलिए हमें उम्मीद है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सदन के अंदर देश को संबोधित करेंगे।
पहलगाम में जो चूक हुई, इस बारे में सरकार को सदन में अपनी बात रखनी होगी। भारत-पाकिस्तान संघर्ष के समय हमने अपनी सेना को पूरा समर्थन दिया। ये बहुत जरूरी है कि हम सदन के अंदर भी अपनी सेनाओं को मिलकर समर्थन दें। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों से भारत की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। ऐसे में उनके सवालों का जवाब सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही दे सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, वोट देने का अधिकार हर नागरिक के पास होता है, लेकिन उसे लेकर आज सवाल उठ रहे हैं। आज चुनाव आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने से भी कतरा रहा है, कोई स्पष्टीकरण नहीं दे रहा। ऐसे में पूरे चुनावी ढांचे पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। सरकार के मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इस विषय में अपनी सरकार का पक्ष सदन में स्पष्ट करें।
सेना के बड़े अफसरों ने चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश से जुड़ी बेहद संवेदनशील बातें उठाई हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि हम रक्षा और विदेश नीति पर अपनी बात रखें और ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो। हम मणिपुर में किसी प्रकार की शांति नहीं देख पा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी छोटे-छोटे देशों में जा रहे हैं, लेकिन हमारे ही देश के एक राज्य में जाने से कतरा रहे हैं। यह कुछ बातें हैं, जिनको लेकर हम चिंतित हैं। हम आशा करेंगे कि इन सभी मुद्दों पर आने वाले सत्र में चर्चा की जाए। इसलिए मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी को सदन में इन मुद्दों पर अपनी बात रखनी चाहिए।