संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के तरफ प्रायोजित और संस्कृति एवं कला केंद्र, लखनऊ के तत्वावधान में नाटक 'बिटिया' मंचन रविवार को बाल्मीकि रंगशाला संगीत नाटक अकादमी गोमती नगर लखनऊ में किया गया । नाटक 'बिटिया' निर्देशन डॉ. इंद्र कुमार चौरसिया ने किया।
लखनऊ। संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के तरफ प्रायोजित और संस्कृति एवं कला केंद्र, लखनऊ के तत्वावधान में नाटक ‘बिटिया’ मंचन रविवार को बाल्मीकि रंगशाला संगीत नाटक अकादमी गोमती नगर लखनऊ में किया गया । नाटक ‘बिटिया’ निर्देशन डॉ. इंद्र कुमार चौरसिया ने किया। मुख्य अतिथि आईएएस, विशेष सचिव उत्तर प्रदेश डॉ. अरविंद चौरसिया ने कहा कि नाटक ‘बिटिया’ का मंचन जो किया गया है वह बेटियों को हर क्षेत्र में बढ़ने का अवसर देता है। उन्होंने कहा कि इस समाज में रहने वाला हर गरीब आदमी भी बेटी को पढ़ाएगा और आगे बढ़ने के लिए अपनी बेटी को प्रोत्साहित करेगा। इस नाटक को देखने के बाद समाज में रहने वाले लोग जागरूक होंगे।
नाटक मंचन के दौरान निदेशक,उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ तरुण राज, निदेशक, पुरातत्व विभाग लखनऊ रेनू द्विवेदी, रेनू रंगभारतीय उपनिदेशक, संस्कृत विभाग, संगीता वर्मा जोनल अधिकार ,लखनऊ ,उपनिदेशक, मंडला सूचना विभाग लखनऊ मधु तांबे ,पूर्व उपनिदेशक, सोशल मीडिया मुख्यमंत्री डीके सहगल मौजूद थे। समारोह में आए हुए अतिथियों को डॉ. इंद्र कुमार चौरसिया ने अंगवस्त्र व मूर्ति देकर सम्मानित किया। इसके बाद समापन में आए हुए लोगों को धन्यवाद दिया।
नाटक ‘बिटिया’
रमेश अपनी पत्नी मीना के साथ रहता है और सब्जी बेच कर अपना गुजर बसर करता है। रमेश को लड़के की चाह होती है मगर मीना एक लड़की को जन्म देती है जिससे रमेश बड़ा दुखी हो जाता है और वह अपनी बेटी से नफरत करने लगता है । रमेश की बेटी सीमा पढ़ने में होशियार होती है और पढ़ लिख कर अपने कॉलेज में टॉप करती है । रमेश सीमा की पढ़ाई बंद करा कर उस की शादी करवाना चाहता है मगर सीमा पढ़ाई कर के प्रशासनिक अधिकारी बन जाती है। रमेश को अपनी गलती का एहसास होता है और सीमा से माफी मांगता है। आदर्श टीचर कहते कि हमारे प्रधानमंत्री जी भी कहते हैं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।
कलाकार- आदर्श पटेल, सुनीता वर्मा ,संतोष सिंह, भूमिका पटेल, उत्कर्ष भूषण, साक्षी पांडे,प्रार्थना, रूदांश गहरवार, तानिया सुरी,अमरेश आर्यन, सुमित श्रीवास्तव, अपूर्व वर्मा ,अखिलेश सिंह,भावनी सिंह, निशा गौर आदि कलाकार शामिल हुए।