उत्तर प्रदेश में भाजपा ने रविवार को 72 जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। इसमें सामान्य, ओबीसी, एससी और महिलाओं के हिस्सेदारी पर सामंजस्य बैठाने की कोशिश की गई है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने रविवार को 72 जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। इसमें सामान्य, ओबीसी, एससी और महिलाओं के हिस्सेदारी पर सामंजस्य बैठाने की कोशिश की गई है। इतना ही नहीं बचे हुए 28 जिलों में भी ओबीसी और महिलाओं की ठीक ठाक हिस्सेदारी रखने की बात कही है।
डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार को जारी सूची में ओबसी से 25, एससी से छह, सामान्य से 39 और पांच महिलाओं को जिम्मेदारी दी गई है। अभी 28 जिलाध्यों की घोषणा बाकी रह गई है। इसमें 11 जिलों में काम चल रहा है। शेष जगहों पर भी जल्द ही काम पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने यह साफ किया कि आगे भी जो जिम्मेदारियां दी जाएंगी, उनमें ओबीसी और महिलाओं का ध्यान रखा जाएगा। डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के बयान से कहीं न कहीं यह साफ है कि भाजपा यूपी में विपक्ष के पीडीए का काट ढूंढ रही है। सपा मुखिया अखिलेश यादव समेत अन्य पार्टियों के नेता पीडीए विरोधी बताकर भाजपा को निशाने पर लेते रहते हैं। शायद इसीलिए डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने साफ कर दिया है कि पार्टी पिछड़े और दलित समाज को भी ध्यान में रख रही है।
रविवार को जारी सूची जारी में एक दिलचस्प बात यह है कि इस बार भाजपा ने एक नया दांव खेला है। सपा के गढ़ मैनपुरी में किला भेदने के लिए ममता राजपूत को कमान सौंपी है। यह पहली बार है जब भाजपा ने मैनपुरी में किसी महिला को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है।
हालांकि यहां पर देखने वाली बात यह भी है कि भाजपा ने अपनी विचारधारा के अनुरूप ही किसी भी मुस्लिम को जिलों की कमान नहीं दी है। इससे यह साफ है कि पार्टी अपने सिद्धांतों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी।