फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस उत्तरा बावकर का निधन हो गया है। उत्तरा 79 साल की थीं और पिछले एक साल से अपनी बीमारी से जूझ रही थीं।
फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी एक्ट्रेस उत्तरा बावकर का निधन हो गया है। उत्तरा 79 साल की थीं और पिछले एक साल से अपनी बीमारी से जूझ रही थीं। बीमारी से लड़ाई के बाद उन्होंने पुणे के एक अस्पताल में मंगलवार 11 अप्रैल को आखिरी सांस ली। बुधवार, 12 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार किया गया था।
उत्तरा ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD), दिल्ली में इब्राहिम अल्काज़ी के अधीन अभिनय का अध्ययन किया , 1968 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। उत्तरा बाओकर एक भारतीय मंच, फिल्म और टेलीविजन अभिनेत्री थी।
उन्होंने कई उल्लेखनीय नाटकों में अभिनय किया जैसे -मुख्यमंत्री में पद्मावती के रूप में, मेना गुरजारी में मेना, के रूप में शेक्सपियर की ओथेलो में, डेस्डेमोना के रूप में, गिरीश कर्नाड के तुगलक में मां, छोटे सैयद बड़े सैयद , नर्तकी महिला के रूप में और उमराव जान में एक प्रमुख भूमिका में ऐसे कई तरह के उल्लेखनीय नाटकों ओर फिल्मो में अभिनय किया। 1978 में जयवंत दलवी के नाटक संध्या छैया का कुसुम कुमार द्वारा हिंदी अनुवाद का उन्होंने निर्देशन भी किया।
1984 में उन्होंने संगीत नाटक अकादमी पुरुस्कार, भारत की राष्ट्रीय अभिनय अकादमी (हिंदी रंगमंच) जीता । वह सोनाली कुलकर्णी के साथ सदाशिव अमरापुरकर और रेणुका दफ्तरदार, उत्तरायण (2005), शेवरी (2006) और रेस्तरां (2006) के साथ दोगी (1995) जैसी मराठी फिल्मों में भी दिखाई दीं ।