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गरीबों का मसीहा बना ये छह साल का मासूम, पर यूपी पुलिस इसके आगे भरती है पानी

अंधेरी रातों में, सुनसान राहों पर हर ज़ुल्म मिटाने को एक मसीहा निकलता है, जिसे लोग शहंशाह कहते हैं। बॉलीवुड की 1988 में रिलीज हुई फिल्म 'शहंशाह' के इसी गाने  को चरितार्थ करते हुए यूपी के महराजगंज जिले का एक छह साल का मासूम बच्चा इन दोनों सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है। इसके शातिर कारनामे के आगे बड़े-बड़े चोर भी फेल हो रहे हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

महराजगंज। अंधेरी  रातों में, सुनसान राहों पर हर ज़ुल्म मिटाने को एक मसीहा निकलता है, जिसे लोग शहंशाह कहते हैं। बॉलीवुड की 1988 में रिलीज हुई फिल्म ‘शहंशाह’ के इसी गाने  को चरितार्थ करते हुए यूपी के महराजगंज जिले का एक छह साल का मासूम बच्चा इन दोनों सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है। इसके शातिर कारनामे के आगे बड़े-बड़े चोर भी फेल हो रहे हैं।

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यह बच्चा शॉपिंग मॉल और दुकानों में चोरी की ऐसी वारदात को अंजाम देता है कि बड़े-बड़े धुरंधर देखते रह जाते हैं। इस बच्चे की शातिर हरकत से पुलिस ही नहीं बल्कि शहर के कारोबारी भी परेशान हैं। कई बार पुलिस ने चोरी के आरोप में पकड़े जाने के बाद तलाशी के दौरान इस बच्चे के पॉकेट से पचास हजार और एक लाख रूपये के नोटों की गड्डी बरामद की है।

भोली सूरत वाले इस बच्चे के कारनामे से पूरे महराजगंज में दुकानदार और कारोबारी डरे हुए हैं। छोटी सी जगह, रोशनदान, खिड़की और शटर के नीचे से दुकान में घुसकर इस बच्चे को चोरी करने में महारत हासिल है। पुलिस जब भी चोरी की वारदाते के बाद सीसीटीवी फुजेट खंगालती है तो उसमें यही बच्चा दुकान के आसपास संदिग्ध स्थिति में पाया जाता है।

इस बच्चे को पुलिस द्वारा पकड़े जाने का भी कोई डर भी नहीं है। थाने में लाए जाने के बाद चुपचाप बैठ जाता है और जैसे ही पुलिस वाले डंडा दिखाकर और डराकर कुछ पूछना चाहते हैं तो जोर-जोर से रोने लगता है। कोई अनहोनी न हो जाए इसलिए पुलिस वाले भी डंडा फेंक देते हैं और बच्चे पर ज्यादा सख्ती नहीं दिखाते हैं।

चोरी के बड़े-बड़े कारनामे करने वाले इस बच्चे को सिगरेट पीने का भी शौक है। उसके लिए यह दुकानदार को पॉकेट से जो भी नोट निकलता है वह दे देता है। यह बच्चा दुकानदार से बचे हुए पैसों को वापस लेना अपनी शान के खिलाफ मानता है। यह लोगों को बचा हुआ पैसा गरीबों में बांट देता है।

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चोरी की वारदात के बाद जब थाने में बच्चे के पकड़े जाने के बाद पीड़ित कारोबारी इसे देखते हैं। तो वह भी तरस खाकर अपनी शिकायत वापस ले लेते हैं। पुलिस भी इसके परिजनों को सख्त हिदायत देकर छोड़ देती है, लेकिन बच्चे की हरकत में कोई परिवर्तन नहीं आया। इस बच्चे के डर से कई दुकानदार अपने दुकान में सीसीटीवी लगवा चुके हैं। पुलिस इसे अब तक अलग-अलग मामलों में करीब 10 बार कोतवाली ला चुकी है लेकिन उसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है।

प्रभारी निरीक्षक मनीष सिंह ने बताया कि बच्चे के परिजनों को कई बार बुलाकर समझाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अब स्थिति यह है कि शहर में चोरी के मामले में पहला शक इसी बच्चे पर जाता है। जांच में शक सच्चाई में बदल जाती है, लेकिन बेहद कम उम्र के चलते इसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई के लिए तैयार नहीं होता और हमारे भी हाथ बंधे हुए हैं।

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