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टीएमसी सांसद को लगा दिया कोरोना का फर्जी टीका, जानिए कैसे हुआ पूरा खेल?

पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती सहित कई लोग फर्जी टीकाकरण का मामला उजागर हुआ। लोगों को टीकाकरण में जब धोखे का अहसास हुआ तो मामला पुलिस तक पहुंचा। इस जांच में जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं। उससे मुख्य आरोपी बेहद शातिर और फर्जीवाड़े का बड़ा खिलाड़ी साबित हो रहा है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती सहित कई लोग फर्जी टीकाकरण का मामला उजागर हुआ। लोगों को टीकाकरण में जब धोखे का अहसास हुआ तो मामला पुलिस तक पहुंचा। इस जांच में जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं। उससे मुख्य आरोपी बेहद शातिर और फर्जीवाड़े का बड़ा खिलाड़ी साबित हो रहा है। पुलिस ने टीके के सैंपल को जांच के लिए भेजा है तो खुद को कोलकाता म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन का जॉइंट कमिश्नर बताने वाले 28 साल के आरोपी से से पूछताछ की जा रही है। हम आपको बताते हैं कि आखिर यह पूरा क्या है मामला?

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टीएमसी सांसद ने बताया कि उन्हें एक टीकाकरण कैंप के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्हें बताया गया कि कोलकाता म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के जॉइंट कमिश्नर की ओर से किन्नरों और विशेष रूप से सक्षम लोगों के लिए मुफ्त टीकाकरण कैंप लगाया जा रहा है।

मिमी चक्रवर्ती ने मीडियाकर्मियों से कहा कि आयोजनकर्ताओं ने मुझसे इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की ताकि दूसरे लोग टीका लगवाने को प्रेरित हों। मैं वहां गई और दूसरे लोगों को प्रेरित किया। मैंने भी टीका लगवाया, लेकिन टीका लेने के बाद जब मुझे फोन पर कोई मैसेज नहीं मिला तो मैंने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के बारे में सवाल किया। तब मुझे बताया गया कि यह अगले 3-4 दिन में मिल जाएगा। तब मुझे शंका हुई और मैंने टीकाकरण रोकने के लिए कहा।

टीएमसी सांसद से धोखा- फर्जी टीकाकरण केंद्र में लगा दी वैक्सीन

पुलिस बताया कि उन्हें पता चला कि यूको बैंक बिल्डिंग में एक टीकाकरण कैंप लगाया गया है। हालांकि, स्थानीय पुलिस थाने को सूचना नहीं दी गई थई। जब एक पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो देखा कि बड़ी संख्या में लोग टीका लेने के लिए आए थे। बहुत से लोग टीका ले भी चुके थे, लेकिन किसी को मैसेज या सर्टिफिकेट का लिंक मोबाइल पर नहीं मिला था।

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कोलकाता साउत डिविजन के डीसी राशिद मुनीर खान ने कहा कि आरोपी देबांजन देब ने दावा किया है कि उसने टीकों की डोज की खरीदारी स्वास्थ्य भवन के बाहर और बागरी बाजार में की। हम सैंपल को जांच के लिए भेज रहे हैं। ताकि पता लगाया जा सके की जो टीके लगाए गए हैं वे फर्जी हैं या असली।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कैंप के मुख्य आयोजनकर्ता से मौके पर ही पूछताछ की गई और बताया गया कि वह खुद को कोलकाता म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन का जॉइंट कमिश्नर बता रहा था। उसने अपने एनजीओ और जनसंपर्क अभियान के लिए मुफ्त टीकाकरण का आयोजन किया था। वह एक आईएएस अधिकारी और जॉइंट कमिश्नर के फर्जी दस्तावजों और स्टाम्प आदि का इस्तेमाल कर रहा था।

पुलिस ने फर्जी अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया और नीली बत्ती लगी उसकी कार को भी जब्त कर लिया है, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार का एक स्टिकर लगा हुआ था। डीसी ने कहा कि उसके पास से फर्जी आईडी कार्ड सहित कई अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। देब के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।

टीएमसी सरकार के मंत्री और केएमसी प्रशासन बोर्ड के चेयरमैन फिरहाद हाकिम ने कहा कि आरोपियों के पास टीकाकरण कैंप के लिए कोई अनुमति नहीं थी। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बीच केस को कोलकाता पुलिस डिटेक्टिव डिपार्टमेंट को ट्रांसफर कर दिया गया है। पुलिस ने यह भी कहा है कि अभी तक किसी वाइल पर एक्सपायरी डेट नहीं मिली है। जांच के बाद ही यह बताया जा सकता है कि टीका फर्जी या असली था।

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