पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, पहले एक कहानी होती थी...राजा भेष बदलकर लोगों के बीच आलोचना सुनने जाता था। आज के राजा को भी भेष बदलने का बहुत शौक है...लेकिन उनमें न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की। साथ ही जाति जनगणना कराए जाने का मुद्दा उठाया।
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का आज 14वां दिन है। लोकसभा में संविधान पर चर्चा हो रही है। आज संविधान पर चर्चा शुरू हो गयी है। कांग्रेस की नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में बोलते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा। इसके साथ ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया।
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, पहले एक कहानी होती थी…राजा भेष बदलकर लोगों के बीच आलोचना सुनने जाता था। आज के राजा को भी भेष बदलने का बहुत शौक है…लेकिन उनमें न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की। साथ ही जाति जनगणना कराए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी की जातिगत जनगणना के लिए गंभीरता का प्रमाण देखिए-जब चुनाव में पूरा विपक्ष जातिगत जनगणना की बात कर रहा था। तब नरेंद्र मोदी कह रहे थे-ये आपकी भैंस और मंगलसूत्र चुरा लेंगे।
पहले एक कहानी होती थी
राजा भेष बदलकर लोगों के बीच आलोचना सुनने जाता था।
आज के राजा को भी भेष बदलने का बहुत शौक है…
पढ़ें :- प्रधानमंत्री या तो अतीत में रहते हैं या कल्पना लोक में, ऐसा लगता है कि वर्तमान उनकी डिक्शनरी में नहीं : खरगे
लेकिन उनमें न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की।
: लोक सभा में कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी pic.twitter.com/RUE92S1ohC
— Congress (@INCIndia) December 13, 2024
इसके साथ ही कहा, हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। हमारा संविधान न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। लेकिन बीते 10 साल में सत्ता पक्ष ने ये सुरक्षा कवच तोड़ने का पूरा प्रयास किया है।
प्रियंका गांधी ने कहा, संभल के कुछ लोग हमसे मिलने आए थे, जो मृतकों के परिवार के सदस्य थे। उनमें दो बच्चे थे-अदनान और उजैर। उनमें से एक मेरे बेटे की उम्र का था और दूसरा उससे छोटा, 17 साल का है। उनके पिता एक दर्जी थे। दर्जी का बस एक ही सपना था कि वह अपने बच्चों को पढ़ाएगा, एक बेटा डॉक्टर बनेगा और दूसरा भी सफल होगा…पुलिस ने उनके पिता को गोली मार दी। 17 वर्षीय अदनान ने मुझे बताया कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को साकार करेगा। यह सपना और आशा उसके दिल में हमारे भारत के संविधान ने डाली है।