1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. Türkiye Boycott : तुर्किये सेब का बहिष्कार जोर पकड़ा, कश्मीरी सेब की मांग बढ़ी

Türkiye Boycott : तुर्किये सेब का बहिष्कार जोर पकड़ा, कश्मीरी सेब की मांग बढ़ी

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान तुर्किये द्वारा पाकिस्तान के समर्थन के बाद दिल्ली के फल बाजारों में तुर्किये सेब (Turkish Apples) का बहिष्कार जोर पकड़ रहा है। परिणामस्वरूप, व्यापारियों और उपभोक्ताओं ने तुर्किये सेब की खरीद बंद कर दी है, जिससे इन सेबों की आपूर्ति बाजारों में लगभग खत्म हो गई है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान तुर्किये द्वारा पाकिस्तान के समर्थन के बाद दिल्ली के फल बाजारों में तुर्किये सेब (Turkish Apples) का बहिष्कार जोर पकड़ रहा है। परिणामस्वरूप, व्यापारियों और उपभोक्ताओं ने तुर्किये सेब की खरीद बंद कर दी है, जिससे इन सेबों की आपूर्ति बाजारों में लगभग खत्म हो गई है। दूसरी ओर कश्मीरी अम्बरी सेब (Kashmiri Ambri Apples) की मांग में वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि उपभोक्ता स्वदेशी विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।

पढ़ें :- भारत ने द. अफ्रीका को नौ विकेट से हराकर जीती सीरीज, यशस्वी ने जमाया शतक, कोहली-रोहित का पचासा

आजादपुर मंडी, ओखला मंडी व दिल्ली की अन्य मंडियों में तुर्किये सेब का व्यापार होता है। वहां से व्यापारियों ने सेब का आयात बंद कर दिया है। इससे तुर्किये सेब (Turkish Apples) की बिक्री में गिरावट देखने को मिली है। इसका सीधा लाभ कश्मीरी व्यापारियों को मिल रहा है, जिसकी मांग करीब 25 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है। व्यापारियों ने बताया कि व्यापारियों ने तुर्किये सेब (Turkish Apples) का बहिष्कार कर आयात भी रोक दिया है।

 कश्मीरी सेब की बढ़ती मांग ने बाजार की कीमतों को किया प्रभावित 

विक्रेता सेब की अनुपस्थिति और कश्मीरी सेब की बढ़ती मांग ने बाजार की कीमतों को प्रभावित किया है। थोक बाजार में सेब के 10 किलो के कार्टन की कीमत में 200-300 रुपये की वृद्धि हुई है, जबकि खुदरा बाजार में सेब 20-30 रुपये प्रति किलो महंगे हो गए हैं। स्थानीय निवासी प्रिया शर्मा ने कहा कि उनके पास कश्मीरी सेब जैसे बेहतरीन विकल्प हैं।

स्वदेशी फलों को प्राथमिकता दे रहे विक्रेता

पढ़ें :- Indigo Crisis : राहुल गांधी की बातों पर सरकार ने गौर किया होता तो हवाई यात्रा करने वालों को इतनी तकलीफें न उठानी पड़ती

आजादपुर मंडी के व्यापारी पवन छाबड़ा (Azadpur Mandi trader Pawan Chhab) ने बताया कि ग्राहक अब कश्मीरी सेब, खासकर अम्बरी किस्म (Ambri Apples) की मांग कर रहे हैं। इसकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर के बागवानों से सीधे संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि वह उस देश से सेब नहीं खरीदेंगे जो देश के दुश्मन का साथ देता है। विक्रेता सेब के बहिष्कार के बाद बाजार में विक्रेता स्वदेशी फलों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस सेब की कीमत 20 किलो का एक कार्टन 3600 रुपये तक आता है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...