यूपी एटीएस (UP ATS) ने भारत के सबसे बड़े धर्मांतरण सिंडिकेट का भंडाफोड़ (India's largest religious conversion syndicate) किया है। इस सिलसिले में यूपी एटीएस ने बुधवार को मुजफ्फरनगर(Muzaffarnagar) निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) को गिरफ्तार किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वह जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट (Jamia Imam Waliullah trust) चलाता है जो कई मदरसों को फंड करता है जिसके लिए उसे भारी विदेशी फंडिंग(Huge Foreign Funding ) मिली है।
मुजफ्फरनगर। यूपी एटीएस (UP ATS) ने भारत के सबसे बड़े धर्मांतरण सिंडिकेट का भंडाफोड़ (India’s largest religious conversion syndicate) किया है। इस सिलसिले में यूपी एटीएस ने बुधवार को मुजफ्फरनगर(Muzaffarnagar) निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) को गिरफ्तार किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वह जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट (Jamia Imam Waliullah trust) चलाता है जो कई मदरसों को फंड करता है जिसके लिए उसे भारी विदेशी फंडिंग(Huge Foreign Funding ) मिली है।
एटीएस के आईजी डॉ.जीके गोस्वामी (ATS IG Dr.GK Goswami) ने बताया कि गिरफ्तारी बुधवार रात को की गई थी। हालांकि, एटीएस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ने गिरफ्तारी का कारण बताने से इनकार कर दिया। सूत्रों ने बताया कि कलीम सिद्दीकी (Kaleem Siddiqui)की गिरफ्तारी धर्मांतरण के मामले में मेरठ से की गई है। कलीम की गतिविधियां संदिग्ध होने का शक जताया गया था।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार (ADG Prashant Kumar) ने बताया कि अब तक की जांच में मौलाना के ट्रस्ट जमिया ईमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट को बहरीन से 1.5 करोड़ रुपये सहित कुल तीन करोड़ रुपये की फंडिंग के साक्ष्य मिले हैं। एटीएस की छह टीमें मामले में जांच कर रही है। मौलाना कलीम लोगों में प्रचार कर रहा था कि शरीयत के अनुसार बनी व्यवस्था ही सबको न्याय दे सकती है। कहा कि 20 जून को अवैध धर्मांतरण गिरोह संचालित करने वाले लोग गिरफ्तार गिए गए थे। इस संबंध में आज के अभियुक्त को छोड़कर कुल 10 लोग गिरफ्तार हुए थे जिसमें से 6 के खिलाफ विभिन्न तिथियों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। चार के खिलाफ जांच चल रही है।
एडीजी ने आगे बताया कि जांच में तथ्य प्रकाश में आए कि मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) अवैध धर्मांतरण के कार्य में लिप्त है। विभिन्न प्रकार की शौक्षणिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं की आड़ में यह देशव्यापी स्तर पर किया जा रहा है, जिसके लिए विदेशों से भारी फंडिंग प्राप्त की जा रही है। जो सुनियोजित तरीके से संगठनात्मक रूप से किया जा रहा है। जिसमें देश के कई नामी लोग और संस्था शामिल हैं। तथ्य प्रमाणित हुआ है कि यह भारत का सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट (Religious Conversion Syndicate) संचालित करता है, गैर मुस्लिमों को गुमराह करके, डराकर धर्मांतरित करता है।
पुलिस ने कार्यक्रम से ही उठाया
बता दें कि मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kaleem Siddiqui) मंगलवार शाम सात बजे अन्य साथी मौलानाओं के साथ मेरठ के लिसाड़ीगेट में हुमायूंनगर की मस्जिद माशाउल्लाह (Humayunnagar Masjid Mashallah) के इमाम शारिक के आवास पर एक कार्यक्रम में आए थे। करीब रात नौ बजे इशा की नमाज के बाद वह अपने साथियों के साथ कार में फुलत के लिए निकले थे।
इस दौरान परिजन ने उन्हें फोन किया, लेकिन मोबाइल बंद मिला। परिजन ने जानकारी मेरठ में इमाम शारिक को दी। परिवार और परिचितों ने मौलाना की तलाश शुरू की, लेकिन जानकारी नहीं मिली। इसके बाद लोगों की भीड़ लिसाड़ीगेट थाने पर जुट गई। देर रात तक हंगामा चलता रहा। कुछ समय बाद जानकारी मिली की मौलाना को एटीएस (ATS)ने हिरासत में ले लिया है। संदिग्ध गतिविधि के चलते सिद्दीकी सुरक्षा एजेंसी (Security Agency) के निशाने पर थे। मौलाना के मेरठ आने की जानकारी एजेंसी को पहले से थी। उन पर कई धर्मांतरण कराने के आरोप हैं।