यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में 18 जिलों में सिर्फ एक ही प्रत्याशी मैदान में है, जिनका निर्विरोध चुना जाना तय है। इन्हीं में से बलरामपुर जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी की आरती तिवारी अकेली उम्मीदवार हैं, जिनके खिलाफ विपक्षी दल से किसी ने भी नामांकन नहीं किया है।
लखनऊ। यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में 18 जिलों में सिर्फ एक ही प्रत्याशी मैदान में है, जिनका निर्विरोध चुना जाना तय है। इन्हीं में से बलरामपुर जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी की आरती तिवारी अकेली उम्मीदवार हैं, जिनके खिलाफ विपक्षी दल से किसी ने भी नामांकन नहीं किया है। आरती तिवारी अभी बीए थर्ड ईयर की छात्रा हैं। यूपी की सबसे कम उम्र की जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का खिताब अपने नाम करने जा रही हैं।
बता दें कि आरती तिवारी की उम्र महज 21 साल है। आरती अभी बलरामपुर जिले के महारानी लाल कुंवरि स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा हैं। इससे पहले जिला पंचायत सदस्य बनी और जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध बनने जा रही है। इस साल यूपी में सबसे कम उम्र की जिला पंचायत अध्यक्ष होंगी।
बता दें कि आरती के चाचा श्याम मनोहर तिवारी बलरामपुर जिले में बीजेपी पुराने और दिग्गज नेता माने जाते हैं। बीजेपी ने पहले उन्हें ही जिला पंचायत सदस्य का टिकट दिया था, लेकिन श्याम मोहन तिवारी ने जब देखा कि सपा से किरण यादव को टिकट दिया तो उन्होंने बड़ा उलटफेर करते हुए अपनी भतीजी आरती तिवारी को मैदान में उतार दिया।
आरती तिवारी बलरामपुर जिले के वार्ड नंबर 17 चौधरीडीह से जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ा था और 8500 मतों से जीतकर सदस्य बनी। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवार के तौर पर उतारा और उनके सामने कोई पार्टी अपना प्रत्याशी नहीं उतार सकी है। ऐसे में 29 जून को उन्हें निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष घोषित कर दिया जाएगा। यह उनके लिए राजनीतिक तौर पर बड़ी उपलब्धि है।
बता दें कि बलरामपुर से आरती तिवारी ही नहीं बल्कि गोरखपुर से पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की बहु साधना सिंह का निर्विरोध चुना जाना तय है। इसके अलावा मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, आगरा, इटावा, ललितपुर, झांसी, बांदा, चित्रकूट, श्रावस्ती, गोंडा, मऊ और वाराणसी में जिला पंचायत निर्विरोध चुने जाएंगे, क्योंकि यहां पर एक की प्रत्याशी मैदान में है।
छात्र जीवन से सीधे राजनीतिक जीवन में प्रवेश करते हुए आरती तिवारी ने समाज के प्रति अपने दायित्वों के निर्वहन का संकल्प लिया है। आरती ने कहा कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है। उसका निर्वहन करते हुए अपनी जिम्मेदार पर खरा उतरने का प्रयास करेंगी।