उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरूस्त रखने के दावे सिर्फ कागजों में किए जा रहे हैं। अपराधी बेखौफ होकर सड़कों पर वारदात कर रहे हैं और कानून व्यवस्था के दावों को पोल खोल रहे हैं। ताजा मामला प्रतापगढ़ जिले का है, जहां पर टीवी पत्रकार की संदिग्ध हालात में मौत हो गयी।
प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरूस्त रखने के दावे सिर्फ कागजों में किए जा रहे हैं। अपराधी बेखौफ होकर सड़कों पर वारदात कर रहे हैं और कानून व्यवस्था के दावों को पोल खोल रहे हैं। ताजा मामला प्रतापगढ़ जिले का है, जहां पर टीवी पत्रकार की संदिग्ध हालात में मौत हो गयी।
इस वारदात के बाद पुलिस इसे हादसा बताने में जुटी रही लेकिन परिस्थिति हत्या की ओर इशारा कर रहे थे। पुलिस की भूमिका पर सवाल और विपक्ष के निशाने के बाद हत्या की एफआईआर दर्ज की गयी। दरअसल, पत्रकार ने पहले ही अपने ऊपर हमले की आशंका जताते हुए एडीजी प्रयागराज जोन को पत्र भी भेजा था।
वहीं, सुलभ की पत्नी रेणुका श्रीवास्तव का आरोप है कि उनके पति की हत्या की गई है। उन्होंने एडीजी प्रयागराज प्रेम प्रकाश से से घटना की सीबीआइ जांच कराने की मांग की। इस पर एडीजी ने आश्वासन दिया कि सीबीआइ से जांच कराने की संस्तुति वह शासन से करेंगे। उनकी मौत पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी उत्तर प्रदेश सरकार पर तंज कसा है।
गौरतलब है कि, प्रतापगढ के एक टीवी चैनल के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की रविवार देर रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह घायल अवस्था में रविवार की रात करीब 10 बजे नगर कोतवाली क्षेत्र के कटरा रोड पर मिले थे। राहगीरों की सूचना पर पुलिस राजकीय मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय ले आई, यहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।