हिमाचल को छोडकर यूपी देश का दूसरा फिसड्डी राज्य है, जो अपने ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को सबसे कम करता है। औसत ग्रामीण विद्युत आपूर्ति पिछले 5 सालों के आंकडों से हुआ खुलासा है। जहां दूसरे राज्य ग्रामीण को कर रहे 19 से 23 घंटे आपूर्ति वहीं उत्तर प्रदेश में औसत ग्रामीण विद्युत आपूर्ति 16 घंटे तक ही हैं।
लखनऊ। हिमाचल को छोडकर यूपी देश का दूसरा फिसड्डी राज्य है, जो अपने ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को सबसे कम करता है। औसत ग्रामीण विद्युत आपूर्ति पिछले 5 सालों के आंकडों से हुआ खुलासा है। जहां दूसरे राज्य ग्रामीण को कर रहे 19 से 23 घंटे आपूर्ति वहीं उत्तर प्रदेश में औसत ग्रामीण विद्युत आपूर्ति 16 घंटे तक ही हैं।
लोकसभा के पटल पर पिछले 5 वर्षों के ग्रामीण व शहरी आपूर्ति के खुलासे के बाद देश में चर्चा का विषय उत्तर प्रदेश की हालत खराब उपभोक्ता परिषद ने पावर काररेशन प्रबंधन व प्रदेश सरकार से उठाई मांग युद्ध स्तर पर होंगे कार्य तभी ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति में होगा सुधार। यूपी में एक और बडा चौंकाने वाला मामला वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश में ग्रामीण को की जा रही थी ज्यादा औसत विद्युत आपूर्ति उसके मुकाबले वर्ष 2022- 23 में की गई कम ग्रामीण को कम औसत विद्युत आपूर्ति उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियां दे ध्यान और रोस्टर को बढाने पर भी करें विचार।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश में सभी राज्य अपने ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा विद्युत आपूर्ति में लगे हैं। वही उत्तर प्रदेश भी शहरी क्षेत्र को 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र को 18 घंटे रोस्टर के मुताबिक बिजली देने के प्रयास में रहता है। अब देश के सभी राज्यों की सच्चाई क्या है? उन्होंने कहा कि इसका खुलासा कानून बनाने वाली संस्था लोकसभा के अंदर सभी को 24 घंटे बिजली के एक सवाल पर हो गया और वह भी गर्मी के इस महीने की 27 जुलाई को यानी कि लोकसभा के पटल पर जो आंकडे पिछले 5 वर्षों के सामने आए उसके आधार पर यह कहना बिल्कुल सही होगा कि हिमाचल को छोड दिया जाए। तो उत्तर प्रदेश देश का पहला बडा राज्य है। जो अपने ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को सबसे कम विद्युत आपूर्ति पिछले 5 वर्षों में की है । उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा के पटल पर खबर आते ही पूरे देश में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। जहां दूसरे राज्यों में वहां के ग्रामीण औसत आपूर्ति 19 से 23 घंटे के बीच है। वहीं उत्तर प्रदेश की औसत विद्युत आपूर्ति बहुत कम यानी 16 से 17 घंटे के बीच है। लोकसभा के पटल पर जो आंकड़े रखे गए हैं। वह 11 केबी फीडरों की विद्युत आपूर्ति के हैं और वह आंकडे मार्च 2023 तक के आंकलित किए गए।
देश के प्रमुख राज्यों के मार्च 2023 तक के वर्ष 2022 -23 के राज्यवार औसत विद्युत आपूर्ति के घंटों का विवरण जो स्वता सच्चाई बयां कर देगा ।
राज्य औसत ग्रामीण आपूर्ति 2022-23 औसत शहरी आपूर्ति वर्ष 2022-23
हिमाचल प्रदेश 12 घंटे 51 मिनट 23 घंटे 54 मिनट
उत्तर प्रदेश 16 घंटे 9 मिनट 23 घंटे 32 मिनट
बिहार 20 घंटे 6 मिनट 23 घंटे 24 मिनट
उत्तराखंड 21 घंटे 23 मिनट 23 घंटे 34 मिनट
मध्य प्रदेश 20 घंटे 40 मिनट 23 घंटे 36 मिनट
राजस्थान 21 घंटे 25 मिनट 23 घंटे 51 मिनट
गुजरात 23 घंटे 50 मिनट 23 घंटे 58 मिनट
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा देश की यह रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में पावर कारपोरेशन और बिजली कंपनियों को युद्ध स्तर पर अपने सिस्टम को सही करने और बिजली की उपलब्धता बढाने की दिशा में काम करना होगा सख्त निर्णय लेना होगा। तभी सही मामले में उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र को भी 20 घंटे के ऊपर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो पाएगी। और जिसकी अपेक्षा पूरे उत्तर प्रदेश के करोडों ग्रामीण विद्युत उपभोक्ता कर रहे हैं
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा उत्तर प्रदेश के मामले में बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है वर्ष 2018-19 में जहां ग्रामीण आपूर्ति 19 घंटे 6 मिनट थी और वर्ष 2019-20 में 17 घंटे 2 मिनट थी वह वर्ष 2022-23 तक केवल 16 घंटे 9 मिनट रह गई जो अपने आप में काफी गंभीर मामला है ऊपर से ब्रेकडाउन के चलते ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति कितनी मिलती है इसका खुलासा होने पर और भी चौंकाने वाले मामले सामने आएंगे।