यूपी की योगी सरकार शिक्षा का स्तर उठाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन यूपी के मिर्जापुर में ऐसा ही मामला सामने आया है। जो योगी सरकार की मंशा पर पानी फेरता नजर आ रहा है।
मिर्जापुर। यूपी की योगी सरकार शिक्षा का स्तर उठाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन यूपी के मिर्जापुर में ऐसा ही मामला सामने आया है। जो योगी सरकार की मंशा पर पानी फेरता नजर आ रहा है।
बच्चों का भविष्य को संवारने और बेहतर दिशा देने के लिए योगी सरकार गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं। सरकारी स्कूलों में मुफ्त किताबें, यूनिफॉर्म, स्कॉलरशिप, मिड डे मील जैसी कई सुविधाएं देती हैं, ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके, लेकिन शिक्षा देने वाले शिक्षक ही चंद रुपयों में बच्चों को पढ़ने के लिए दी जाने वाली किताबें कबाड़ी को बेच रहे हैं।
यूपी के मिर्जापुर जिले के एक गांव में सरकारी स्कूल के टीचर ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2023-24 की किताबें कबाड़ी को बेच दीं। ग्रामीणों ने जब कबाड़ी को ठेले पर रंग-बिरंगी, नई किताबें देखी तो हैरान रह गए। उन्होंने कबाड़ी वाले को रोका और किताबें चेक की। किताबों पर ‘सर्व शिक्षा अभियान, सब पढ़ें सब बढ़ें’ , मुफ्त वितरण हेतु शैक्षणिक वर्ष 2023-23 देखकर गांववालों को गुस्सा भड़क गया। उन्होंने जब कबाड़ी वाले से पूछताछ की तो पता चला कि खुद मास्टरजी ने ही ये सभी किताबें उसे बेची हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि यह किताबें मिर्ज़ापुर के सदर तहसील के प्राथमिक विद्यालय बजटा में बच्चों को पढ़ने के लिए आई थीं। मगर स्कूल के लोगों ने इन किताबों को कबाड़ी को बेच कर पैसा ले लिए। स्कूल टीचर से किताबें खरीदने के बाद कबाड़ी ने भी एक दुकानदार को किताबें बेच दी थीं। ग्रामीणों ने उस दुकानदार के पास से किताबें ले लीं।