माफिया अतीक अहमद (Mafia Atiq Ahmed) के वकील विजय मिश्र को बीते शनिवार की रात एसटीएफ (STF) की मदद से पुलिस ने लखनऊ से हिरासत में ले लिया है। विजय मिश्र (Vijay Mishra) विभूति खंड (Vibhuti Khand) स्थित एक नामी होटल में ठहरे थे।
लखनऊ। माफिया अतीक अहमद (Mafia Atiq Ahmed) के वकील विजय मिश्र को बीते शनिवार की रात एसटीएफ (STF) की मदद से पुलिस ने लखनऊ से हिरासत में ले लिया है। विजय मिश्र (Vijay Mishra) विभूति खंड (Vibhuti Khand) स्थित एक नामी होटल में ठहरे थे। उनके खिलाफ दो महीने पहले तीन करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का मुकदमा प्रयागराज के अतरसुइया थाने में एक फर्नीचर व्यवसायी ने दर्ज कराया था। बताते हैं कि उन्हें इसी सिलसिले में पकड़ा गया है।
शनिवार को विजय मिश्र (Vijay Mishra) किसी काम से लखनऊ गए थे। रात करीब 11 बजे लखनऊ एसटीएफ (Lucknow STF) और प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) की टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया। एसटीएफ (STF) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) की ओर से विजय की गिरफ्तारी को लेकर मदद मांगी गई थी।
उसकी लोकेशन लखनऊ में होने की सूचना भी दी गई थी। इसके बाद ही उसे हिरासत में लेकर प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) को सौंप दिया गया। उधर, विजय मिश्र (Vijay Mishra) के जूनियर अधिवक्ता हिमांशु कुमार (Junior Advocate Himanshu Kumar) ने बताया कि कुछ लोग इनोवा कार से आए थे। उन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताया और फिर विजय को अपने साथ लेकर चले गए।
पुलिस के मुताबिक, विजय मिश्र (Vijay Mishra) पर तीन करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में 23 मई को अतरसुइया थाने में लकड़ी व्यवसायी सईद अहमद ने एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप है कि उधारी के सवा लाख रुपये मांगने पर विजय ने उसे धमकी देते हुए रंगदारी मांगी थी। विजय पर विभिन्न जिलों में कुल सात मुकदमे दर्ज हैं।
अतीक के दूसरे वकील खान शौलत हनीफ ने पुलिस कस्टडी के दौरान आरोप लगाया था कि उमेश पाल के कचहरी से निकलने के दौरान विजय मिश्र (Vijay Mishra) ने अशरफ और असद को अपने फोन से इंटरनेट कॉल के जरिये सूचना दी थी। बताते हैं कि इसके बाद ही 24 फरवरी को अतीक-अशरफ के गुर्गो ने उसका पीछा किया और घर के बाहर उमेश पाल और उसके दो गनर को गोलियों से भून डाला था।
अतीक से रहा बेहद करीबी नाता
विजय मिश्र (Vijay Mishra) अतीक के भाई अशरफ के मुकदमे देखते था। कुछ मामलों में वह अतीक के भी कानूनी सलाहकार रहे, मुकदमे लड़े। विजय मिश्र (Vijay Mishra) को अतीक का बेहद करीबी माना जाता रहा है। चर्चा यह तक थी कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद साबरमती जेल में बंद अतीक का जो ऑडियो वायरल हुआ था, उसमें बात विजय मिश्र (Vijay Mishra) से ही हो रही थी। इसमें दावा किया गया था कि उमेश पाल हत्याकांड अभी नहीं कराना चाहिए था, क्योंकि उस वक्त विधानसभा का सत्र चल रहा था।