निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए फौरन चुनाव कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार की दलीलों को नहीं माना। वहीं, कोर्ट का फैसला आने के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। विपक्ष ने इसको लेकर यूपी की भाजपा सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। वहीं, अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान आया है।
UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए फौरन चुनाव कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार की दलीलों को नहीं माना। वहीं, कोर्ट का फैसला आने के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। विपक्ष ने इसको लेकर यूपी की भाजपा सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। वहीं, अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान आया है।
उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
इसके उपरान्त ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 27, 2022
उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके उपरान्त ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा।’
इससे पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा था कि, ‘नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा,परंतु पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।’
गौरतलब है कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी के निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर निर्णय दे दिया है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए फौरन चुनाव कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकार की दलीलों को नहीं माना। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ट्रिपल टेस्ट के बगैर ओबीसी को कोई आरक्षण न दिया जाए। ऐसे में बगैर ओबीसी को आरक्षण दिए स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं।