यूपी में मतदाता सूचियों के सघन पुनरीक्षण अभियान (SIR) के लिए अंतिम तिथि बढ़ाने और बीएलओ के विरुद्ध की जा रही दंडात्मक कार्यवाहियों को समाप्त करने हेतु उत्तर प्रदेशीय पूर्व माध्यमिक (जू.हा.) शिक्षक संघ ने राज्य निर्वाचन आयोग को ज्ञापन दिया।
लखनऊ। यूपी में मतदाता सूचियों के सघन पुनरीक्षण अभियान (SIR) के लिए अंतिम तिथि बढ़ाने और बीएलओ के विरुद्ध की जा रही दंडात्मक कार्यवाहियों को समाप्त करने हेतु उत्तर प्रदेशीय पूर्व माध्यमिक (जू.हा.) शिक्षक संघ ने राज्य निर्वाचन आयोग को ज्ञापन दिया।
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश जायसवाल ने मांग की कि अनेक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों से ज्ञात हुआ है कि प्रदेश में चल रहे मतदाता सूचियों के सघन पुनरीक्षण अभियान में अनेक बीएलओ की अत्यधिक तनाव के चलते मृत्यु हुई है। अभियान को समय से पूरा कराने के नाम पर रविवार सहित राजपत्रित अवकाश की तिथियों में भी बीएलओ को कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया तथा कार्मिक की व्यक्तिगत आवश्यकों को नजरअंदाज किया गया जिस कारण कार्य में लगे सभी कार्मिक अत्यधिक तनाव में कार्य कर रहे हैं । बीएलओ कार्य में प्रदेश के जिन जिलों में प्राथमिक शिक्षक और शिक्षामित्र ही जुड़े हुए हैं वहां विद्यालय के समस्त स्टाफ को एस आई आर फॉर्म कलेक्शन एवं ऑनलाइन डाटा फीडिंग में सहयोग हेतु लगाया गया है एवं किसी प्रकार का अवकाश प्रदान नहीं किया जा रहा न ही कोई मानदेय दिया जा रहा है।
समाचार पत्रों की खबरों से संज्ञान में आया है कि एस आई आर कार्य में जुड़े अधिकारियों द्वारा असम्मान जनक व्यवहार किया जा रहा है तथा भाषा की मर्यादाओं का पालन भी नहीं किया जा रहा है जिससे बीएलओ, सुपरवाइजर्स तथा सहयोग हेतु लगाए गए शिक्षक कार्मिको के आत्म सम्मान को ठेस पहुंच रही है और उनका मनोबल गिर रहा है। यही नहीं समय सीमा समाप्त होने के पूर्व ही अनेक बीएलओ के साथ ही बिना किसी पारिश्रमिक/ मानदेय के सहयोग कर रहे शिक्षकों/कार्मिकों के वेतन अवरुद्ध करने की कार्यवाहियां अधिकारियों द्वारा की जा रही है जबकि अधिकांश कार्मिक राष्ट्रीय महत्व के इस कार्य में पूर्ण मनोयोग के साथ कार्य कर रहे हैं।
पुनरीक्षण कार्य में आ रही दुश्वारियों, व्यावहारिक कठिनाइयों के दृष्टिगत शिक्षक संघ ने मांग की है कि एस आई आर अभियान की तिथि को आगे बढ़ाया जाए तथा इस दौरान जिन बीएलओ की मृत्यु हुई है उनके प्रकरणों की जांच कर उन्हें निर्वाचन कार्मिक के समान मिलने वाला मुआवजा प्रदान किया जाए। संघ ने यह भी मांग की है कि एस आई आर कार्य में संलग्न बीएलओ, सहयोगी कार्मिक के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही के पूर्व व्यक्तिगत स्थितियों का ध्यान रखा जाए और पूर्ण शुचिता के साथ कार्य पूर्ण करने हेतु कार्मिक उत्साहित रहे और भविष्य में किसी प्रकार की दुःखद परिस्थितियों का सामना न करना पड़े ।