वास्तु शास्त्र के अनुसार शयनकक्ष के कुछ नियम है। दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए वास्तु शास्त्र में कई उपाय बताएं है। शयन कक्ष का वातावरण सुकून और शांति भरा होना जरूरी है।
Vastu tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार शयनकक्ष के कुछ नियम है। दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए वास्तु शास्त्र में कई उपाय बताएं है। शयन कक्ष का वातावरण सुकून और शांति भरा होना जरूरी है। वास्तु के नियमों के अनुसार शयन कक्ष में सोते समय हमेशा सिर दीवार से सटाकर सोना चाहिए। मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता है, घर के दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य) की ओर होना चाहिए। अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए। आईये जानते है वास्तु के अनुसार शयनकक्ष के नियम।
1.राधा-कृष्ण की तस्वीर की को शयनकक्ष में लगाया जा सकता है। इन्हें प्रेम का प्रतीक माना जाता है। बेडरूम में इनकी तस्वीर लगाने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
2.शयन कक्ष में आप जो तस्वीर लगा रहे हो उसमें सिर्फ राधा-कृष्ण हों अन्य गोपियां ना हों । तस्वीर ऐसी होनी चाहिए जिसमें राधा और कृष्ण दोनों एक दूसरे को प्रेम भाव से देख रहे हों। इस तरह की तस्वीर लगाने से पति पत्नी के बीच अनबन खत्म हो सकती है।
3.राधा-कृष्ण की प्रेम भावना वाली इस तस्वीर को शयन कक्ष में की ऐसी दीवार पर लगाएं जहां तस्वीर आसानी से नजर आए। अगर सुबह उठते के साथ इस तस्वीर पर नजर पड़े तो और भी अच्छी बात है।