नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। इन दिनों में मां की विधिवत पूजा अर्चना और हवन किया जाता है।
Vastu Tips : नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। इन दिनों में मां की विधिवत पूजा अर्चना और हवन किया जाता है। नवरात्रि की पूजा को विधिवत पूर्ण करने के लिए आखिरी दिनों में मुहूर्त के अनुसार हवन किया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार हवन हर व्यक्ति को सुख समृद्धि हासिल करने के लिए अवश्य करना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हवन करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है इसके साथ ही वातावरण शुद्ध होता है।
घर के अग्नि कोण, यानी दक्षिण-पूर्व दिशा का कोना, यानि घर का वो हिस्सा जहां दक्षिण और पूर्व दिशायें मिलती हों,वहां बैठकर हवन करना सबसे अच्छा होता है। हवन करने वाले व्यक्ति को भी दक्षिण-पूर्व में मुंह करके बैठना चाहि। इस प्रकार सही दिशा में किया गया हवन सही परिणाम ही देता है और उससे वास्तुदोष भी शांत होते हैं।
हवन करने के लिए कई तरह की जड़ी बूटियों और वस्तुओं की जरूरत पड़ती है। इनमें आम की लकड़ी और पत्ता, पीपल का तना और छाल, गूलर की छाल, बेल, पलाश, चंदन की लकड़ी, नीम, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, चावल, तिल, लौंग, कर्पूर, गाय का घी, गुग्गल, इलायची, लोभान, शक्कर, सुपारी,लौंग,रोली,चावल,चंदन,हल्दी पाउडर,हल्दी की गांठ,धूप, पंच, मेवा लाल कपड़ा, और जौ प्रमुख हैं।