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Vice President Election 2022 : विपक्ष की उम्मीदवार बनाए जाने पर मार्गेट अल्वा बोलीं-‘यह मेरे लिए सम्मान की बात’

Vice President Election 2022: देश के उपराष्ट्रपति पद के चुनावों में विपक्ष की उम्मीदवार बनाए जाने पर मार्गेट अल्वा की पहली प्रतिक्रिया सामने आ गई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में नामित होना मेरे लिए विशेषाधिकार और सम्मान की बात है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Vice President Election 2022: देश के उपराष्ट्रपति पद के चुनावों में विपक्ष की उम्मीदवार बनाए जाने पर मार्गेट अल्वा (Margaret Alva) की पहली प्रतिक्रिया सामने आ गई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में नामित होना मेरे लिए विशेषाधिकार और सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष की उम्मीदवार बनाए जाने के लिए विपक्षी नेताओं को धन्यावाद देती हूं कि उन्होंने इस पद के लिए मुझ पर अपना भरोसा जताया है।

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मार्गरेट अल्वा के विपक्ष के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Rajya Sabha MP Jairam Ramesh) ने ट्वीट कर बधाई दी। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि मार्गरेट अल्वा लंबे समय से सांसद हैं और इस देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह इस देश की संयुक्त विपक्ष की उपराष्ट्रपति की उम्मीदवार हैं।

क्या बोले शिवसेना नेता संजय राउत?
वहीं शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने मार्गेट अल्वा को समर्थन दिये जाने को लेकर कहा कि द्रौपदी मुर्मू का समर्थन उनके आदिवासी महिला होने की वजह से हमने किया। हमारे कई विधायक और सांसद आदिवासी समुदाय से हैं इसलिए हमने उनका समर्थन किया, लेकिन हम इस मामले में मार्गेट अल्वा का समर्थन करेंगे।

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छह अगस्त को चुनाव
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना पांच जुलाई को जारी हो चुकी है। उम्मीदवार इसके लिए 19 जुलाई तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं। चुनाव के लिए आयोग ने छह अगस्त की तारीख तय की है। देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को समाप्त हो रहा है।

राष्ट्रपति चुनाव से कितना अलग है उपराष्ट्रपति का चुनाव?

  • संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं: उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है।  संसद के दोनों सदनों के सदस्य इसमें हिस्सा लेते हैं। हर सदस्य केवल एक वोट ही डाल सकता है। राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित सांसदों के साथ-साथ विधायक भी मतदान करते हैं लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते है।
  • मनोनीत सांसद भी डाल सकते हैं वोट: राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसद वोट नहीं डाल सकते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसा नहीं है। उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐसे सदस्य भी वोट कर सकते हैं। इस तरह से देखा जाए तो उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 निर्वाचक हिस्सा लेते हैं। इसमें राज्यसभा के चुने हुए 233 सदस्य और 12 मनोनीत सदस्यों के अलावा लोकसभा के 543 चुने हुए सदस्य और दो मनोनीत सदस्य वोट करते हैं। इस तरह से इनकी कुल संख्या 790 हो जाती है।

 

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