वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) के विरोध में बैठक में राज्यसभा के पूर्व सांसद ने एक विवादित बयान दे दिया है, जिसको लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने नेहरू और गांधी को माना है, यदि मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) की मान लिया होता तो आज पाकिस्तान का बॉर्डर लाहौर नहीं, लखनऊ तक होता। हुकूमत को हमारा एहसान मानना चाहिए।
नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) के विरोध में बैठक में राज्यसभा के पूर्व सांसद ने एक विवादित बयान दे दिया है, जिसको लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने नेहरू और गांधी को माना है, यदि मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) की मान लिया होता तो आज पाकिस्तान का बॉर्डर लाहौर नहीं, लखनऊ तक होता। हुकूमत को हमारा एहसान मानना चाहिए।
वक्फ संसोधन बिल (Waqf Amendment Bill) के विरोध में दिल्ली में बुलाई गई बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित तमाम संगठनों के पदाधिकारी और बुद्धिजीवी शामिल हुए थे। बैठक में तकरीरें या कहें भाषण हो रहे थे, जिसमें डर दिखाया जा रहा था कि वक्फ संशोधन बिल के आने से मुसलमानों की जमींनें छिन जाएंगी। इसी बैठक में राज्यसभा के पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने एक विवादित बयान दे दिया है।
We rejected Mohammad Ali Jinnah and accepted Nehru, Gandhi and Azad as our leaders. If all of us Muslims had gone with Jinnah, Pakistan would have been built till Lucknow and not Lahore: Mohammad Adeeb (Former MP)#Break pic.twitter.com/2kW4PIGRpj
— Vashim Lahori 🇮🇳 (@i_am_vashim) November 11, 2024
उन्होंने कहा कि मैं अस्सी साल का हो गया हूं और लगभग 50 साल सियासी गलियारों में घूम रहा हूं। आज हम अपने ही घर में गुनाहगार की तरह रह रहा हूं, अब देशद्रोही भी हो गया हूं। , हमने ऐसे ऐसे लोगों को देखा, जो हमारे साथ थे और फिर अपनी सियासी जिंदगी बनाने के लिए हमको किस्मत के हवाले कर गए, जो लोग पाकिस्तान चले गए, उसका इल्जाम हमें दिया गया। उन्होंने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि हमने (मुसलमान) नेहरू और गांधी को माना है, यदि हमने जिन्ना को मान लिया होता, उनकी सुन ली होती, उनके साथ चले गए होते तो आज पाकिस्तान का बॉर्डर लाहौर तक नहीं, लखनऊ तक होता। उन्होंने कहा कि हमने जिन्ना को ठुकरा दिया, लियाकत अली खान की नहीं सुनी और हमने आजाद को माना। उन्होंने कहा कि हुकूमत को समझना चाहिए, हमारा अहसान मानना चाहिए, जो हम जिन्ना के साथ नहीं गए।
मोहम्मद अदीब ने आगे कहा कि हमने पाकिस्तान को मुक्तसर कर दिया और तुम हमें सजा देते हो, हम पर जुल्म करते हो। अब तक जितने भी हमारे ऊपर हमले हुए हैं, सबसे बड़ा हमला आपकी औकात का है। हम पर फसाद हुए, हमारे घरों पर बुलडोजर चले, हम इसलिए नहीं बोले कि मेरा घर तो महफूज है क्योंकि हम अपनी जिंदगी के लिए जीते हैं।