सनातन धर्म में पूजा पाठ व्रत उपवास की परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। अआस्ता के अनुसार,भक्त गण देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए लोग कठिन तप करते है।
Vrat Upvas Rules : सनातन धर्म में पूजा पाठ व्रत उपवास की परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। अआस्ता के अनुसार,भक्त गण देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए लोग कठिन तप करते है। लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए भी व्रत रखते हैं। हिंदू धर्म में हफ्ते के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। व्रत का मतलब शुद्ध होना है।हिंदू धर्म में व्रत के कई नियम बताए गए हैं। इनकी अनदेखी पर पुण्यफल नहीं मिलता है।
1.व्रत रखने के लिए संपल्प लेना जरूरी होता है। जितने भी व्रत रखने हैं उसका संकल्प पहले ही लें, क्यों कि बिना संकल्प लिए व्रत को अधूरा माना जाता है।
2.व्रत में धर्य रखना बहुत आवश्यक है। व्रत के समय तन और मन पर संयम रखना बहुत जरूरी होता है। व्रत के समय मन में लालच की करना चाहिए।
3.व्रत में सात्विक खाना ही खाना चाहिए, भूलकर भी तामसिक चीजों को हाथ न लगाएं सबसे पहले खाना भगवान को अर्पित करें उसके बाद खुद खाएं।