पिछले दिनों में रूस में भाड़े के सैनिकों (Mercenaries) यानी वैगनर ग्रुप के लड़ाकों (Fighters of the Wagner Group) के विद्रोह के बाद तख़्तापलट (coup d'état) और गृहयुद्ध (civil war) जैसे हालात बन गए थे। जिसके बाद शनिवार को रूसी सरकार और वैगनर के प्रमुख येवेनी प्रीगोझिन (Yevney Prigozhin) के बीच समझौते के बात हालात सामान्य बताए जा रहे हैं।
नई दिल्ली। पिछले दिनों में रूस में भाड़े के सैनिकों (Mercenaries) यानी वैगनर ग्रुप के लड़ाकों (Fighters of the Wagner Group) के विद्रोह के बाद तख़्तापलट (coup d’état) और गृहयुद्ध (civil war) जैसे हालात बन गए थे। जिसके बाद शनिवार को रूसी सरकार और वैगनर के प्रमुख येवेनी प्रीगोझिन (Yevney Prigozhin) के बीच समझौते के बात हालात सामान्य बताए जा रहे हैं। वहीं, वैगनर ग्रुप के विद्रोह के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) को कहीं देखा नहीं गया।
हालांकि पुतिन ने सोमवार को एक बयान जारी कर यूक्रेन (Ukraine) और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों पर गंभीर आरोप (serious allegations) लगाया है। पुतिन ने आरोप लगाते हुए कहा कि यूक्रेन और उसके सहयोगी पश्चिमी देश चाहते हैं कि वैगनर समूह (Wagner Group) के भाड़े के सैनिकों के विद्रोह के दौरान रूसी नागरिक ‘एक-दूसरे को मार’ (kill each other) दें।
विद्रोहियों के पीछे हटने के बाद पुतिन ने राष्ट्र के नाम अपने टेलीविज़न संबोधन (televised address) में कहा कि उन्होंने रक्तपात से बचने (avoid bloodshed) के लिए आदेश जारी किए हैं, और वैगनर सेनानियों (Wagner fighters) को माफ कर दिया है, जिनके विद्रोह ने उनके दो दशक के शासन के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती पेश करने की कोशिश की थी।
पुतिन ने कहा कि घटनाओं की शुरुआत से ही, मेरे आदेश पर बड़े पैमाने पर रक्तपात से बचने के लिए कदम उठाए गए थे। यह वास्तव में रूस के दुश्मनों (Russia’s enemies) (कीव में नव-नाज़ी और उनके पश्चिमी संरक्षक एवं सभी तरह के राष्ट्रीय गद्दार) का भाईचारा था जो चाहते थे कि रूसी सैनिक एक-दूसरे को मार डालें।
गौरतलब है कि रूस की निजी सैन्य संस्था ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवेनी प्रीगोझिन ने सशस्त्र विद्रोह की घोषणा और मॉस्को की तरफ बढ़ते उनके कदमों ने बीते शनिवार-रविवार को देश में हलचल पैदा कर दी थी। हालांकि, अब ये खतरा टल गया है।