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राजा भैया के करीब MLC अक्षय प्रताप गोपाल जी की चिट्ठी का क्या है संकेत? सपा के लिए बनी संजीवनी

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के बीच यूपी के बाहुबली और कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Kunda MLA Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya) के एक कदम ने सपा को बड़ी राहत दे दी है। इस कदम को सपा को समर्थन का संकेत भी माना जा रहा है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के बीच यूपी के बाहुबली और कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Kunda MLA Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya) के एक कदम ने सपा को बड़ी राहत दे दी है। इस कदम को सपा को समर्थन का संकेत भी माना जा रहा है। राजा भैया ने कौशांबी लोकसभा सीट (Kaushambi Lok Sabha Seat)  से उतरे सपा प्रत्याशी के पिता इंद्रजीत सरोज (Indrajit Saroj)  से पुराना विवाद खत्म कर लिया है। कोर्ट में इंद्रजीत के खिलाफ दायर मानहानि का वाद वापस लेने का ऐलान किया है। पिछले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में इंद्रजीत सरोज (Indrajit Saroj) की टिप्पणी के बाद राजा भैया ने यह केस दायर किया था।

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इस बार कौशांबी लोकसभा सीट (Kaushambi Lok Sabha Seat) से इंद्रजीत सरोज का बेटा सपा से प्रत्याशी है। राजा भैया ने दो दिन पहले ही किसी भी दल को समर्थन नहीं देने का ऐलान किया था। बुधवार की रात इंद्रजीत सरोज (Indrajit Saroj) ने बेटे पुष्पेंद्र सरोज के साथ राजा भैया से मुलाकात भी की थी। इसके बाद राजा भैया के सबसे करीबी एमएलसी अक्षय़ प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी (MLC Akshay Pratap Singh alias Gopal ji) ने एक चिट्ठी जारी कर राजा भैया के नए कदम की जानकारी साझा की है।

गोपाल जी ने मीडिया को जारी चिट्ठी में लिखा है कि पिछले लोक सभा चुनाव (Lok Sabha Elections)  में समाजवादी पार्टी के कौशाम्बी सीट (Kaushambi Lok Sabha Seat) के प्रत्याशी इन्द्रजीत सरोज (Kaushambi seat candidate Indrajit Saroj) ने चुनाव के कतिपय लोगों के बहकावे में आकर चुनावी सरगर्मी, चुनावी माहौल में जनसत्तादल लोकतांत्रिक पार्टी (Jansattadal Loktantrik Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया (National President Kunwar Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya) के बारे में कुछ टिप्पणियां की थीं। इसमें जनसत्ता दल (Jansatta Dal)  के कार्यकर्ताओं, राजा भईया समर्थकों और आम जनमानस में इन्द्रजीत सरोज (Indrajit Saroj)  के बयान से आक्रोश व्याप्त हुआ था। लोगों की राजा भैया के प्रति भावनाओं को ठेस पहुंची थी। इसके कारण राजा भैया ने इन्द्रजीत सरोज (Indrajit Saroj) के खिलाप मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था। यह मुकदमा एमपीएमएलए कोर्ट में चल रहा है। इसमें न्यायालय ने इन्द्रजीत सरोज (Indrajit Saroj) को धारा 500 दण्ड प्रक्रिया संहिता में तलब किया है।

गोपाल जी ने आगे लिखा कि 13 मई 2024 को देर शाम इन्द्रजीत सरोज (Indrajit Saroj) ने सपा प्रत्याशी और अपने बेटे पुष्पेन्द्र सरोज के साथ राजा भैया से बेती राजभवन पर आकर मुलाकात की थी। पहले हुए गिले सिकवे और गलत बयानबाजी को भूलने का आग्रह किया था। राजनैतिक सूचिता को कायम करने का प्रयास किया। इसके कारण राजा भैया ने उक्त बातों को भूलकर अब न्यायालय में दाखिल मानहानि के मुकदमें को समाप्त करने की तैयारी की है। राजा भैया ने अब मानहानि का मुकदमा न्यायालय से समाप्त करा लिया जाएगा।

कौशांबी सीट पर राजा भैया का समर्थन क्यों जरूरी?

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राजा भैया ने 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में किसी दल से तालमेल नहीं किया है। उनकी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक (Jansattadal Loktantrik Party) ने कौशांबी या प्रतापगढ़ से इस बार अपना प्रत्याशी भी नहीं उतारा है। कौशांबी लोकसभा सीट (Kaushambi Lok Sabha Seat) में राजा भैया के प्रभाव वाले कुंडा और बाबागंज विधानसभा क्षेत्र (Babaganj Assembly Constituency)आते हैं। यहां के दोनों विधायक भी जनसत्ता दल (Jansatta Dal) के ही हैं। ऐसे में कौशांबी लोकसभा सीट (Kaushambi Lok Sabha Seat) पर भाजपा और सपा दोनों राजा भैया का समर्थन चाहते थे। दो दिन पहले कार्यकर्ताओं और समर्थकों की बैठक के बाद राजा भैया ने अपनी मर्जी से मतदान के लिए कह दिया।

इसी बीच सपा प्रत्याशी और उनके पिता इंद्रजीत का राजा भैया से मिलना और अब केस वापस लेने के लिए गोपाल जी की तरफ से आई चिट्ठी ने सपा को समर्थन का इशारा कर दिया है। इस बावत हालांकि गोपाल जी ने कहा कि राजा भैया को किसी को समर्थन न देने के अपने फैसले पर कायम हैं। पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज (Indrajit Saroj)  और कौशांबी से सपा प्रत्याशी उनके पुत्र पुष्पेंद्र सरोज राजा भैया से मिलने आए थे। सिर्फ वाद को कोर्ट से वापस लेने की सहमति बनी है।

 

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