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भ्रष्टाचार के खिलाफ ये कैसी जीरो टॉलरेंस नीति? जिसको होना था सस्पेंड, मुख्यमंत्री कार्यालय ने उसको बनाया रामपुर का CMO

उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचारियों के चंगुल में फंस गया है। CMO की ट्रांसफर-पोस्टिंग में हर नियमों को ताख पर रख दिया जा रहा है। यहां तक कि, भ्रष्टाचारियों को भी CMO बनाए जाने से गुरेज नहीं किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि, यूपी के स्वास्थ्य ​मंत्री भी इस पर सिंडिकेट का सहयोग कर रहे हैं, जिसके कारण भ्रष्टाचारियों को भी CMO की कुर्सी मिल जा रही है।

By टीम पर्दाफाश 
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचारियों के चंगुल में फंस गया है। CMO की ट्रांसफर-पोस्टिंग में हर नियमों को ताख पर रख दिया जा रहा है। यहां तक कि, भ्रष्टाचारियों को भी CMO बनाए जाने से गुरेज नहीं किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि, यूपी के स्वास्थ्य ​मंत्री भी इस पर सिंडिकेट का सहयोग कर रहे हैं, जिसके कारण भ्रष्टाचारियों को भी CMO की कुर्सी मिल जा रही है। दरअसल, सोमवार को छह जिलों में CMO की तैनाती की गयी, जिसमें रामपुर में CMO की तैनाती होते ही ​विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, बागपत की एसीएमओ डॉ. दीपा सिंह को रामपुर का CMO बनाया गया है, जिन पर भ्रष्टाचार और अनैतिक कृत्यों जैसे कई सनसनीखेज आरोप उन पर लगे हैं। यहां तक की बागपत डीएम ने बीते दिन ही उनके निलंबन की संस्तुति की थी। इसको लेकर उन्होंने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को भी पत्र लिखा था। हालांकि, इसके बाद भी डॉ. दीपा सिंह को रामपुर का सीएमओ बना दिया गया।

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अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लिंग परीक्षण जैसे लगे हैं जघन्य आरोप
डॉ. दीपा सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लिंग परीक्षण जैसे जघन्य अपराधों के आरोप साबित हुए थे। इसकी जांच भी लंबे समय से चल रही थी। इसके बाद भी बागपत की डीएम अस्मिता लाल ने 99 पृष्ठ की जांच आख्या के साथ चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को पत्र लिखकर डॉ. दीपा सिंह को निलंबित करते हुए कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। ऐसा नहीं कि, ये बहुत पहले का मामला है। बीते छह सितंबर को ही उन्होंने ये पत्र लिखा था। इसके दो दिन बाद ही डॉ. दीपा सिंह को रामपुर का सीएमओ बना दिया गया।

डॉ. दीपा सिंह के खिलाफ प्रमुख सचिव को लिखा था डीएम ने पत्र
रामपुर की डीएम बनाईं गईं डॉ. दीपा सिंह पहले से ही भ्रष्टाचार समेत अन्य गंभीर आरोपों में घिरी हुईं थीं। इसके बाद भी उनको सीएमओ बनाया गया, जिससे साफ होता है कि, NRHM के आरोपी मुकेश श्रीवास्तव उसके साथी अंकित चौधरी जैसे लोगों का सिक्का स्वास्थ्य विभाग में खूब चल रहा है। डीएम बागपत ने शासन को छह सितंबर को प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को भेजे पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि, एसीएमओ बागपत के पद पर तैनात डा. दीपा सिंह द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार एवं अत्यंत गंभीर अनैतिक कृत्यों को आपके संज्ञान में लाना है। इस विषय में मुख्य चिकित्साधिकारी बागपत की आख्या में विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिसमें डा. दीपा सिंह को निलंबित करते हुए कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की प्रबल संस्तुति की गई है।

स्वास्थ्य मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय पर उठा सवाल
सीएमओ की तैनाती में हो रही अनियमितता को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। पर्दाफाश न्यूज लगातार सीएमओ की ट्रांसफर—पोस्टिंग में हो रहे खेल को उजागर कर रहा है। पर्दाफाश न्यूज ने बताया था कि, कैसे NRHM के आरोपी मुकेश श्रीवास्तव उसके साथी अंकित चौधरी के करीबी और दागी डॉक्टरों को सीएमओ बनाया जा रहा है। इस पूरे खेल में इनका साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठे कुछ अफसर, स्वास्थ्य मंत्री और प्रमुख सचिव दे रहे हैं? NRHM के आरोपी मुकेश श्रीवास्तव उसके साथी अंकित चौधरी जैसे लोगों के लिए ये लोग सरकार को बदनाम कर रहे हैं।

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